शिवाजी के अष्ट प्रधान में सर्वोच्च स्थान था - (अ) अमात्य का (ब) सचिव का (स) पंडितराव का (द) पेशवा का
शिवाजी ने शासन प्रबंध में सहायता और परामर्श के लिए आठ मंत्रियों की परिषद बनाई , जिसे अष्टप्रधान कहा जाता था | प्रत्येक व्यक्ति अपने विभाग का प्रमुख होता था, लेकिन सभी शिवाजी की अध्यक्षता में ही कार्य करते थे| यह अष्टप्रधान इस प्रकार थे - पेशवा (प्रधानमंत्री) अमात्य( वित्तमंत्री) सुमंत( विदेशमंत्री) मंत्री सचिव पंडितराव( पुरोहित ) सेनापति न्यायाधीश