अफ्रीका महाद्वीप के सवाना घास के मैदान व जीव-जन्तु का वर्णन कीजिए।
भूमध्यरेखीय जलवायु प्रदेश के उत्तर-दक्षिण में सवाना क्षेत्र का विस्तार है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु में वर्षा होती है। इस क्षेत्र में उगने वाली बड़ी-बड़ी घास ‘सवाना’ या ‘हाथी घास’ कहलाती है। इस क्षेत्र में घास खाने वाले विभिन्न पशुओं तथा शाकाहारी पशुओं को खाने वाले माँसाहारी पशु बहुतायत में पाये जाते हैं। यह क्षेत्र चिड़ियाघर के रूप में विख्यात है।अफ्रीका महाद्वीप में वृक्षों पर रहने वाले जीव-जन्तु, बन्दर, लंगूर, साँप, गिरगिट, छिपकली और रंग-बिरंगी तितलियाँ पाई जाती हैं। भूमि पर रहने वाले जीवों में हाथी, गेंडा, जेब्रा, जिराफ, जंगली भैंसा, जंगली सूअर पाये जाते हैं। कालाहारी मरुस्थल में शुतुरमुर्ग चिड़िया मिलती है। यहाँ टेटसी नामक मक्खी भी पाई जाती है जिसके काटने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। पानी में रहने वाले जीवों में मगरमच्छ, घड़ियाल, दरियाई घोड़ा और विभिन्न प्रकार की मछलियाँ मिलती हैं।