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Adarsh Singh

SSC & Railways
General Awareness
2 years ago

प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?

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Vivek Singh

2 years ago

आवश्यक पदार्थों को अंदर और अनआवश्यक पदार्थों को बाहर जाने देती है। यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है। प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थो को तो कोशिका के अन्दर व बाहर आने देती है। परन्तु कुछ पदार्थो को न अन्दर आने देती है न कुछ पदार्थो को कोशिका के बाहर जाने देती है। इसलिए इसे वरणात्मक (चयनात्मक) पारगम्य झिल्ली कहते है। अन्तर कोशिकीय विसरण एवं परासरण की क्रिया को नियंत्रित करने के साथ-साथ यह विभिन्न रचनाओं के निर्माण में भी सहायता करती है। कोशिका झिल्ली को सी. क्रेमर एवं नेगेली ने कोशिका कला एवं प्लोव ने जीवद्रव्य कला कहा।कोशिका प्झिल्ली जिसे चुनिंदा पारगम्य झिल्ली कहा जाता है क्योंकि यह कोशिका के भीतर से पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करता है। कोशिका झिल्ली पानी और विलेय की मात्रा को विनियमित करके कोशिका के फटने से बचाता है।

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