चोलों द्वारा प्रचारित दो भाषाओं के नाम लिखिए।
चोलों द्वारा प्रचारित दो भाषाएँ संस्कृत भाषा और तमिल थीं। प्रमुख कवियों और नाटककारों द्वारा तमिल में भी कविताएँ और नाटक लिखे गए। तमिल लेखकों की कृतियों को ग्यारह खंडों में संग्रहित किया गया था, जिन्हें 'तिरुमुरैस' कहा जाता है। वैदिक परंपराओं के ज्ञान के लिए धार्मिक पद्धतियों को भी उन्हीं भाषाओं में पढ़ाया जाता था। सबसे महत्वपूर्ण भाषा तमिल थी जो बाद के वर्षों में और आज तक भी महत्वपूर्ण हो गई।