इसके संबंध में भक्ति आंदोलन के प्रभाव को संक्षेप में बताएं: (सी) क्षेत्रीय भाषाओं और भक्ति साहित्य को बढ़ावा देना।
भक्ति आंदोलन में विभिन्न संतों के कार्यों का व्यापक उपयोग हुआ जो विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध थे। इससे इन भाषाओं और धार्मिक विचारधाराओं को बढ़ावा देने में मदद मिली। दक्षिण के रामचरित मानस, गुरु ग्रंथ साहिब और वैष्णव विभिन्न साहित्य से हैं और इन आंदोलनों से संबंधित हैं जिन्होंने लोगों को एकता और भाईचारे जैसी समान बातें सिखाईं। इस आंदोलन के दौरान, कुछ लोकप्रिय भाषाएँ उड़िया, मैथिली, भोजपुरी थीं जिन्हें अत्यधिक महत्व मिला।