भारत में कौन सी नोट इशू सिस्टम को फॉलो किया जाता है?
उच्च मूल्यवर्गों में जाली भारतीय मुद्रा नोटों की घटनाएँ बढ़ गई हैं । आम आदमी को यह जाली नोट असली नोटों की तरह ही दिखाई पड़ते हैं, जब कि इनमें किसी भी सुरक्षा विशेषता की नकल नहीं की गई है । जाली नोटों का उपयोग राष्ट्र–विरोधी एवं अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है । उच्च मूल्यवर्ग के नोटों का दुरुपयोग आतंकवादियों और काले धन की जमाखोरी के लिए किया गया है । भारत एक नगद-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए जाली भारतीय मुद्रा नोटों के प्रचलन का संकट जारी है । जाली नोटों तथा काले धन की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना प्रारम्भ की गई । 2. यह योजना क्या है? भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 08 नवंबर 2016 तक जारी 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्यवर्ग नोटों का वैध निविदा स्वरूप (जिसे बाद में विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा जाएगा) वापिस लिया जाता है । इसके परिणाम स्वरूप पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोट का व्यापारिक लेन-देन और / अथवा भावी उपयोग हेतु मूल्य-संचय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा । 25 नवंबर, 2016 तक बैंक शाखाओं / डाकघरों तथा 30 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की अनुमति थी तथा 10 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक (केवल शहरी सहकारी बैंक तथा राज्य सहकारी बैंकों में) की किसी भी शाखा में अथवा किसी भी प्रधान डाकघर अथवा उप डाकघर में जमा किए जा सकते थे ।