patwari se lekhpal name kb badla gya

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Abhishek Mishra

2 years ago

बात वर्ष 1952 की है, जब 'जमींदारी उन्‍मूलन विधेयक' पारित किया गया, जिसके कारण उत्तर प्रदेश के पटवारी प्रदर्शन कर रहे थे और 27 हज़ार पटवारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था। चौधरी चरण सिंह भी ज़िद्दी स्वभाव के थे उन्होंने किसानों के हितों के सामने किसी की नहीं सुनी। किसानों को पटवारी के आतंक से आजाद दिलाने का श्रेय चरण सिंह को ही जाता है। बाद में उन्‍होंने ही खुद नए पटवारी नियुक्‍त किए, जिन्हें अब लेखपाल कहा जाता है। 

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