उच्च कक्षाओं में गणितकी कौन सी शिक्षण विधि होनी चाहिए।
प्रभावी शिक्षण की सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के शिक्षण-अधिगम दृष्टिकोण हैं और समस्या-समाधान उनमें से एक है। यह एक सीखने-केंद्रित दृष्टिकोण है जो सीखने की प्रक्रिया में शिक्षार्थी की सक्रिय भागीदारी पर जोर देता है। इस दृष्टिकोण में, शिक्षक छात्रों के लिए एक समस्याग्रस्त स्थिति बनाते हैं और फिर उन्हें भयमुक्त कक्षा के वातावरण में समस्याओं को समझने, परिभाषित करने और उन्हें समझने में सहायता करते हैं। Key Points गणित को उच्च प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए समस्या-समाधान विधि सबसे उपयुक्त है: छात्रों में विचलित सोच विकसित करता है। अवधारणा की छात्र की समझ को बढ़ाता है। महत्वपूर्ण और कल्पनाशील सोच के उपयोग को बढ़ावा देता है। छात्रों को वैज्ञानिक समस्या को सुलझाने की क्षमता हासिल करने में मदद करता है। छात्रों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में रचनात्मकता का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। इसलिए, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उच्च प्राथमिक स्तर पर गणित पढ़ाने के लिए 'समस्या-समाधान विधि' सबसे उपयुक्त है।
प्रभावी शिक्षण की सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के शिक्षण-अधिगम दृष्टिकोण हैं और समस्या-समाधान उनमें से एक है। यह एक सीखने-केंद्रित दृष्टिकोण है जो सीखने की प्रक्रिया में शिक्षार्थी की सक्रिय भागीदारी पर जोर देता है। इस दृष्टिकोण में, शिक्षक छात्रों के लिए एक समस्याग्रस्त स्थिति बनाते हैं और फिर उन्हें भयमुक्त कक्षा के वातावरण में समस्याओं को समझने, परिभाषित करने और उन्हें समझने में सहायता करते हैं। Key Points गणित को उच्च प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए समस्या-समाधान विधि सबसे उपयुक्त है: छात्रों में विचलित सोच विकसित करता है। अवधारणा की छात्र की समझ को बढ़ाता है। महत्वपूर्ण और कल्पनाशील सोच के उपयोग को बढ़ावा देता है। छात्रों को वैज्ञानिक समस्या को सुलझाने की क्षमता हासिल करने में मदद करता है। छात्रों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में रचनात्मकता का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। इसलिए, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उच्च प्राथमिक स्तर पर गणित पढ़ाने के लिए 'समस्या-समाधान विधि' सबसे उपयुक्त है। अतिरिक्त जानकारी: