“अहम्” को कहते है-_
ego..
मनोविज्ञान में अहं (Ego / ईगो) अथवा "मैं", अथवा "स्व" का अर्थ मानव की उन समस्त शारीरिक तथा मानसिक शक्तियों से है जिनके कारण वह "पर" अर्थात् "अन्य" से भिन्न होता है। मनोविश्लेषण में मुनष्य की वे शक्तियाँ जो उसको यथार्थता (रियलिटी प्रिंसिपल) के अनुसार व्यवहार करने के लिए प्रेरित करती हैं। मनोवैज्ञानिकों का विचार है कि "अहम्" और "पर" का बोध तथा विकास साथ-साथ होता है। यह अर्ध चेतन मन की अवस्था है ।