पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की तृतीय अवस्था कौन सी है?
सुनें यह संज्ञानात्मक विकास की तीसरी अवस्था है, जो 7 वर्ष से 12 वर्ष तक मानी जाती है। इस अवस्था में बालक का अतार्किक चिंतन तार्किक चिन्तन में बदल जाता है। लेकिन यह तार्किकता मूर्त या स्थूल परिस्थितियों तक ही सिमित रहती है। इस अवस्था में बालक विभिन्न वस्तुओं में अंतर व समानता बताने की योग्यता प्राप्त कर लेता है। मूर्त संक्रिया अवस्था