टेक्सास 1836 तक मैक्सिको का हिस्सा था. 1836 में टेक्सास ने मैक्सिको के खिलाफ विद्रोह कर दिया और खुद को आजाद घोषित कर लिया. ये सब हुआ सैम्यूल ह्यूस्टन की लीडरशिप में, जो अमेरिकी मूल के थे, जो अमेरिका से राजनीतिक झगड़ें के बाद 1830 के दशक में मैक्सिको के तत्कालीन राज्य टेक्सास में जाकर बस गए थे. आपको बता दें कि टेक्सास का सबसे बड़ी आबादी वाले शहर ह्यूस्टन का नाम सैम्यूल ह्यूस्टन के नाम पर ही रखा गया.टेक्सास के खुद को आजाद घोषित करने के बाद सैम्यूल ह्यूस्टन की लीडरशिप में ही टेक्सास को अमेरिका के साथ विलय करने का एक रिजॉल्यूशन पास किया गया. अमेरिका की सभी राजनीतिक पार्टियां इस कदम को लेकर संदेह कर रही थीं और इसका विरोध कर रही थीं. उनका मानना था कि अगर ऐसा होता है तो मैक्सिको के साथ अमेरिका के रिश्ते बिगड़ सकते हैं, क्योंकि भले ही टेक्सास ने खुद को आजाद मुल्क घोषित कर दिया था, लेकिन मैक्सिको ऐसा नहीं मानता था. अब आजाद टेक्सास के नए नेताओं ने मैक्सिको के साथ नेगोशिएशन करना शुरू कर दिया, ताकि मैक्सिको को आजाद घोषित किया जा सके. इस नेगोशिएशन में यूके मध्यस्थता भी कर रहा था. तभी अचानक अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट जॉन टायलर ने टेक्सास के अमेरिका में विलय को अपना समर्थन दे दिया. 1844 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ये एक अहम मुद्दा भी बना था.ह्यूस्टन ने टायलर के विरोधी जेम्स पोल्क को अपना समर्थन दे दिया, जो अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट बने. इसके बाद अमेरिका कांग्रेस और टेक्सास कांग्रेस ने मिलकर इसे मंजूरी दी और टेक्सास को अमेरिका का 28वां राज्य बना दिया.