Source: सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट

CBSE Board: सीबीएसई ने बोर्ड पेपर लीक के दावों का बताया फर्जी, कहा- अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

CBSE Board Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सोमवार (17 फरवरी) को कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक की अफवाहों को पूरी तरह से खारिज किया और इन्हें "निराधार" करार दिया। बोर्ड ने इन अफवाहों को छात्रों और अभिभावकों के बीच दहशत फैलाने का प्रयास बताया है।

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं शनिवार से शुरू हो गईं, जिनमें 42 लाख से अधिक छात्र देशभर और विदेशों में 7,800 से ज्यादा परीक्षा केंद्रों पर शामिल हो रहे हैं। सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार, कक्षा 10वीं के 24.12 लाख छात्र 84 विषयों की परीक्षा दे रहे हैं, जबकि कक्षा 12वीं के 17.88 लाख से अधिक छात्र 120 विषयों की परीक्षा में बैठ रहे हैं।

सीबीएसई ने किया अफवाहों का खंडन

बोर्ड ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "बोर्ड के संज्ञान में यह आया है कि कुछ असामाजिक तत्व यूट्यूब, फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेपर लीक के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं, या 2025 परीक्षा के प्रश्नपत्रों तक पहुंच का दावा कर रहे हैं। ये सभी दावे निराधार हैं और केवल छात्रों और अभिभावकों के बीच दहशत फैलाने का प्रयास हैं।"

गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने परीक्षा प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए कड़े उपाय किए हैं। बोर्ड ने गलत सूचना फैलाने वाले लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, "ऐसी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले छात्रों को सीबीएसई के अनुचित साधनों के नियमों और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत परिणाम भुगतने होंगे।"

बोर्ड ने यह भी बताया कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है और गलत सूचना फैलाने के आरोप में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई करेगा। बयान में कहा गया है, "सीबीएसई परीक्षा की अखंडता को बनाए रखने के लिए, गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

सीबीएसई का छात्रों और स्कूलों से अनुरोध

बोर्ड ने छात्रों, अभिभावकों और स्कूलों से अपील की है कि वे केवल सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट (www.cbse.gov.in) और प्रमाणित सार्वजनिक चैनलों पर ही भरोसा करें। साथ ही, अभिभावकों से यह भी कहा गया है कि वे अपने बच्चों को असत्यापित समाचारों पर विश्वास करने से रोकें और उनसे जुड़ने से बचें।