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(i) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954; और (ii) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958. ये अधिनियम उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों को विनियमित करते हैं.
सैलरी -
ये दो अधिनियम उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन को निर्दिष्ट करते हैं. विधेयक 1 जनवरी, 2016 से जजों के वेतन को संशोधित करने का प्रयास करता है. स्रोत - उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस) अधिनियम, 1954, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017, पीआरएस.
अलाउंससेस -
दो अधिनियमों के तहत, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को एक्सपेंडेबल अलाउंससेस के लिए व्यय किए गए खर्च की भरपाई करने के लिए एक सहायक भत्ता का भुगतान किया जाता है. विधेयक 22 सितंबर, 2017 से इस भत्ते को संशोधित करने की मांग करता है. स्रोत- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017, पीआरएस.
Chief Ministers Salary in India
ये दो अधिनियम निर्दिष्ट करते हैं कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिना किसी रेंट के भुगतान के ऑफिसियल रेजीडेंस (आधिकारिक निवास) के उपयोग के हकदार होंगे. इसके अलावा, यदि न्यायाधीश इस अधिकार का उपयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें उनके मंथली अलाउंस का 30 % मासिक भत्ता के बराबर का भुगतान किया जाएगा. बिल इस भत्ते को उनके वेतन के 24% तक संशोधित करने की मांग करता है. इसके अलावा, यह निर्दिष्ट करता है कि यह भत्ता संशोधित किया जाएगा. जब (i) वेतन का 27% जब महंगाई भत्ता (डीए) 25% से अधिक हो जाता है, और (ii) वेतन का 30% जब डीए 50% से अधिक हो.
भारत में हाई कोर्ट (उच्च न्यायालय) और सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के न्यायाधीशों का वेतन (प्रति महीने) -
| पद | वर्तमान (रु.) | प्रस्तावित (रु.) |
| चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया | 1,00,000/- रूपए . | 2,80,000/- रूपए . |
| सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज | 90,000/- रूपए . | 2,50,000/- रूपए . |
| चीफ जस्टिस ऑफ़ हाई कोर्ट | 90,000/- रूपए . | 2,50,000/- रूपए . |
| हाई कोर्ट के अन्य जज | 80,000/- रूपए . | 2,25,000/- रूपए . |
अलाउंसेस (प्रति महीने) -
| पद | वर्तमान (रु.) | प्रस्तावित (रु.) |
| चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया. | 20,000/- रूपए . | 45,000/- रूपए . |
| सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजेज | 15,000/- रूपए . | 34,000/- रूपए . |
| चीफ जस्टिस ऑफ़ हाई कोर्ट | 15,000/- रूपए . | 34,000/- रूपए . |
| हाई कोर्ट के अन्य जजेज | 12,000/- रूपए . | 27,000/- रूपए . |
पेंशन
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की अधिकतम पेंशन (प्रति वर्ष) –
हाई कोर्ट जजेज़ (वेतन और सेवा की शर्तें) एक्ट 1954 और सुप्रीम कोर्ट जजेज़ (वेतन और सेवा की शर्तें) एक्ट 1958 ऐसा निर्दिष्ट करते हैं कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज आधिकारिक निवास के उपयोग के हकदार होंगे और इसके लिए उन्हें किसी किराए का भुगतान नहीं करना होगा. इसके अलावा, अगर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज इस अधिकार का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं तो इसके बदले उन्हें उनके वेतन के 30% के बराबर का भुगतान प्रति माह किया जायेगा.
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हाई कोर्ट (उच्च न्यायालय) और सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के जज (न्यायाधीश) के लिए (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक इस भत्ते को जजों के वेतन के 24% के बराबर करने का प्रस्ताव रखता है. इसके अलावा यह संशोधन विधेयक यह प्रस्तावित करता है कि आगे इस भत्तों में इस प्रकार संशोधन किया जायेगा –
- जब महंगाई भत्ता (डीए) 25% से अधिक हो जाये तब वेतन का 27% मिलेगा
- जब महंगाई भत्ता (डीए) 50% से अधिक हो जाये तब वेतन का 30% मिलेगा
| पद | वर्तमान (रु.) | प्रस्तावित (रु.) |
| चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया. | 6,00,000/- रूपए. | 16,80,000/- रूपए. |
| सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजेज | 5,40,000/- रूपए. | 15,00,000/- रूपए. |
| चीफ जस्टिस ऑफ़ हाई कोर्ट | 5,40,000/- रूपए. | 15,00,000/- रूपए. |
| हाई कोर्ट के अन्य जजेज | 4,80,000/- रूपए. | 13,50,000/- रूपए. |
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भारत के सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया) की वर्त्तमान सैलरी क्या है ?
भारत के सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया) की वर्त्तमान सैलरी 1,00,000/- रूपए है.
भारत के सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की वर्त्तमान सैलरी क्या है ?
भारत के सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की वर्त्तमान सैलरी 90,000/-रू पए है.
भारत के चीफ जस्टिस ऑफ़ हाई कोर्ट की सैलरी क्या है ?
भारत के चीफ जस्टिस ऑफ़ हाई कोर्ट की सैलरी 90,000/- रूपए है.
भारत के हाई कोर्ट के अन्य जजों की सैलरी क्या है ?
भारत के हाई कोर्ट के अन्य जजों की सैलरी 80,000/- रूपए है.
भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को जो वेतन प्राप्त होता है उसमें संशोधन की माँग किसने उठाई है और कब ?
भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को जो वेतन प्राप्त होता है उसमें संशोधन की माँग श्री रविशंकर प्रसाद ने उठाई है. इसके लिए लोकसभा में उन्होंने संशोधन विधेयक 21 दिसंबर, 2017 को पेश किया था.