Biography of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan,जाने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन परिचय के बारे में

Safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Mon, 05 Sep 2022 12:17 PM IST

Highlights

शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉक्टर कृष्ण को सन 1954 में सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

Biography of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan:हर साल 5 सितंबर को भारत में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये देश के दूसरे राष्ट्रपति थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म को सम्मानित करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक गांव में हुआ था। राधाकृष्णन एक भारतीय संस्कृति के संवाहक प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

Source: safalta

विषय सूची

 
 1.1डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय
1.2 डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की शिक्षा
1.3 डॉ राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
1.4 डॉ.राधाकृष्णन के सम्मान व अवार्ड
1.5 डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु
1.6 डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़े  FAQ

Teacher's Day 2022

आइए जानते हैं आज इनके जीवन परिचय के बारे में।


 डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरा स्वामी था। वे गरीब जरूर थे किंतु काफी विद्वान ब्राम्हण थे। इनके पिता के ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी इस कारण राधाकृष्णन को बचपन से ही ज्यादा सुख सुविधा नहीं मिली थी। राधाकृष्णनन ने 16 साल की उम्र में अपनी दूर की चचेरी बहन सिवाकमु से शादी की थी। जिन्से उन्हें पांच बेटी व एक बेटा हुआ था। उनके बेटा का नाम सर्वपल्ली गोपाल है। जो भारत के महान इतिहास कारक है। राधा कृष्ण की पत्नी की मौत 1956 में हो गई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण उन्हीं के खानदान से ताल्लुक रखते हैं।

Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize

 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

 डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा


राधा कृष्णन का बचपन गांव में बीता है वहीं से इन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत की है। आगे की शिक्षा के लिए इनके पिताजी ने इन्हें क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लूथर्न स्कूल तिरुपति में भर्ती करा दिया था। जहां से 1896 से 1900 तक पढ़ाई किया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन वेल्लूर के कॉलेज से आगे की पढ़ाई की जिसके बाद मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज मद्रास से अपने आगे की शिक्षा पूरी की। ये शुरू से ही एक मेधावी छात्र थे उन्होंने 1906 में दर्शन शास्त्र में एमए किया था। राधाकृष्णन को अपने पूरे जीवन शिक्षा के क्षेत्र में स्कॉलरशिप मिलती रही जिसके बदौलत वे अपने आगे की पढ़ाई आसानी से करते रहे। राधा कृष्ण के करियर की शुरुआत में राधा कृष्ण जी को मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के अध्यापक बनाया गया। सन् 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में यह दर्शनशास्त्र के सहायक अध्यापक बने थे। 1918 में मैसूर यूनिवर्सिटी के द्वारा उन्हें दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद वे इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी में भारतीय दर्शनशास्त्र के शिक्षक बनें। वे हमेशा से ही शिक्षा को पहला महत्व देते थे। यही कारण है कि वे इतने ज्ञानी और विद्वान थे। शिक्षा के प्रति उनका रुझान एक मजबूत व्यक्तित्व का प्रदान किया है। हमेशा कुछ नया सीखने और पढ़ने के लिए वे अक्सर उतारू रहते थे। जिस कॉलेज में इन्होंने m.a. की पढ़ाई की थी वहीं उन्हें कुलपति नियुक्त किया गया था। लेकिन राधाकृष्णन ने 1 साल के अंदर ही इस पद से इस्तीफा देकर बनारस विश्वविद्यालय में उपकुलपति बन गए। इस दौरान वे दर्शनशास्त्र पर बहुत सी किताबें लिखी थी। डॉक्टर राधाकृष्णन विवेकानंद और वीर सावरकर को अपना आदर्श के रूप में मानते थे। इनके बारे में उन्होंने काफी गहन अध्ययन किया था। डॉक्टर राधाकृष्णन अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से समूचे विश्व को भारतीय दर्शनशास्त्र से परिचित कराने का प्रयास किया करते थे। डॉक्टर राधाकृष्णन प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ देश की संस्कृति को प्यार करने वाले व्यक्ति थे।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस  ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application

 डॉक्टर राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर


जब भारत को स्वतंत्रता मिली उस दौरान जवाहरलाल नेहरू ने राधा-कृष्णन से आग्रह किया कि वह विशिष्ट राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनीति कार्यों की पूर्ति करें। नेहरू जी की बात को मानते हुए डॉ राधाकृष्णन ने 1947 से 1949 तक संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य के रूप में काम किया। संसद में सभी लोग उनके कार्य और व्यवहार की अधिक प्रशंसा करते थे। अपने सफर अकादमी करियर के बाद उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा 13 मई 1952 से 13 मई 1965 तक देश के उपराष्ट्रपति के रूप में काम किए। जिसके बाद 13 मई 1965 को ही वे भारत के दूसरे निर्वाचित राष्ट्रपति हुए। राजेंद्र प्रसाद की तुलना में इनका कार्यकाल काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। क्योंकि जहां एक ओर भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति थी जिसमें चीन के साथ भारत को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर दो प्रधानमंत्रियों का देहांत भी इन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। उनके काम को लेकर साथ वालों को उनसे विवाद कम सम्मान ज्यादा मिला था।

 

सामान्य हिंदी ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
अर्थव्यवस्था ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  

            
 डॉक्टर राधाकृष्णन के सम्मान और अवार्ड


 शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉक्टर कृष्ण को सन 1954 में सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
 1962 से राधाकृष्णन के सम्मान में उनके जन्मदिन पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
 सन 1962 में राधा कृष्ण को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य बनाया गया था।
पोप जॉन पाल ने को गोल्डन स्पर भेंट किया था।
 इंग्लैंड सरकार द्वारा इनको ऑर्डर ऑफ मेरिट का सम्मान मिला हुआ था।
 राधा कृष्ण ने भारतीय दर्शनशास्त्र एवं धर्म के ऊपर अनेक किताबें लिखी थी। जैसे गौतम बुद्ध जीवन और दर्शन, धर्म और समाज, भारत और विश्व, आदि वे अक्सर किताबे अंग्रेजी भाषा में लिखा करते थे।

 डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु


 17 अप्रैल 1975 को एक लंबी बीमारी के बाद राधा कृष्ण का निधन हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। इसलिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में उनके जन्मदिन को याद किया जाता है और राधा कृष्ण के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है। इस दिन  देश के विकास और उत्कृष्ट शिक्षकों को उनके योगदान के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। राधाकृष्णन के मरने के बाद 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा टेम्पलटन पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था। जो कि धर्म के क्षेत्र में स्थान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले यह पहले गैर ईसाई संप्रदाय के व्यक्ति थे।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन करंट अफेयर को डाउनलोड करें
 

JULY Month Current affair

Indian States & Union Territories E book- 
 Monthly Current Affairs May 2022
 DOWNLOAD NOW
Download Now
डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs April 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs March 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs February 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs January 2022  डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs December 2021 डाउनलोड नाउ
 

FAQ


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म और मृत्यु कब हुई?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के गाँव तिरुतनी में हुआ था और 17 अप्रैल 1975 को चेन्नई में मृत्यु हुई थी।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से कव सम्मानित किया गया था?
शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉक्टर कृष्ण को सन 1954 में सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य कब बनाया गया था?
 सन 1962 में राधा कृष्ण को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य बनाया गया था।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कब से लेकर कब तक उपराष्ट्रपति के रूप में काम किया था?
उपराष्ट्रपति13 मई 1952 से 13 मई 1965 तक देश के उपराष्ट्रपति थे।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के कौन से राष्ट्रपति थे?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More