Teacher's Day 2022 : हर साल भारत में 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष में एवं देश में उनके द्वारा दिए गए योगदान और उपलब्धियों को श्रद्धांजलि देने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है। स्कूल स्तर से लेकर कॉलेज तक छात्र-छात्राएं इस जयंती को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं। 5 सितंबर 1888 को डॉक्टर राधा कृष्ण का जन्म हुआ था। इन्होंने भारत में ना केवल राष्ट्रपति के तौर पर काम किया था बल्कि यह एक विद्वान दार्शनिक और भारत रत्न से भी सम्मानित है।
Source: safalta
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डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में
राधाकृष्णन का जन्म तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनकी शुरुआत से ही शिक्षा और पढ़ाई को लेकर बहुत रूचि थी। इसलिए यह पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत अच्छे थे और इन्हें छात्रवृत्ति भी प्राप्त होती थी जिसके माध्यम से इन्होंने अपनी पूरी शिक्षा की थी। इन्होंने दर्शनशास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की और 1917 में द फिलॉसफी ऑफ रविंद्र नाथ टैगोर नामक पुस्तक लिखी थी। उन्होंने 1921 से 1930 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति और 1939 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू के वाइस चांसलर के रूप में काम किया।
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डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के उप्पलब्धियों के बारे में
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने प्रेसीडेंसी कॉलेज और कोलकाता विश्वविद्यालय में पढ़ाया। 1931 में इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1954 में इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन्हें 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट के सदस्य के रूप में शामिल किया गया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवन काल के दौरान एक मेधावी छात्रों के बीच प्रसिद्ध शिक्षक में से एक हैं। जब यह 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था उनके छात्रों ने उनके जन्म दिवस यानी 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने के लिए अनुमति मांगी थी। इनके द्वारा देश और समाज में शिक्षकों के योगदान को पहचानने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया गया। अपनी उपलब्धियों और योगदान के अलावा राधा कृष्ण अपने जीवन काल तक एक शिक्षक के रूप में कार्य करते रहें।
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राधाकृष्णन के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
भारत के पहले उपराष्ट्रपति की स्मृति के सम्मान में देशभर के छात्रों के जीवन में शिक्षकों के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू एक बार राधा कृष्ण के बारे में कहा था कि उन्होंने राधाकृष्णन में कई क्षमताओं के साथ अपने देश की सेवा की है लेकिन सबसे बड़ी सेवा शिक्षा के क्षेत्र में है। जिनसे समाज देश के लोगों ने बहुत कुछ सीखा है और आगे भी सीखते रहेंगे। देश ने राष्ट्रपति के रूप में एक महान दार्शनिक और महान शिक्षाविद और एक महान मानवतावादी होने का सौभाग्य राधा कृष्ण की वजह से पाया है।
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