Five Year Plans of India: क्या है भारत की पांच वर्षीय योजना, जानिए यहाँ

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Fri, 18 Mar 2022 08:02 PM IST

भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. इसके बाद, 15 मार्च 1950 को योजना आयोग की स्थापना की गई. योजना आयोग द्वारा प्रस्तावित पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) की शुरुआत के साथ हीं 1 अप्रैल 1951 से भारत के योजना युग की शुरुआत हुई. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: Safalta

March Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

भारत की आर्थिक योजना - पंचवर्षीय योजनाएँ

भारत में आर्थिक नियोजन की शुरुआत आजादी के बाद 1950 में हुई. आर्थिक नियोजन शब्द का प्रयोग संसाधनों के कुशल उपयोग के साथ अर्थव्यवस्था के विकास और समन्वय के लिए भारत सरकार की दीर्घकालिक योजनाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है. 1950 में भारत के आर्थिक विकास के लिए आर्थिक नियोजन को जरूरी समझा गया.

भारत की पंचवर्षीय योजनाओं के दीर्घकालिक उद्देश्य:

  • भारत के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार हो इसके लिए उच्च विकास दर
  • समृद्धि के लिए आर्थिक स्थिरता
  • आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था
  • सामाजिक न्याय और असमानताओं को कम करना
  • अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण
पाँच वर्षों के लिए आर्थिक नियोजन का विचार सोवियत संघ से लिया गया था और इसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में लागू किया गया.
भारत में पहली आठ पंचवर्षीय योजनाओं में, भारी और बुनियादी उद्योगों में भारी निवेश के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया था, लेकिन 1997 में नौवीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत के बाद से, सरकार को विकास के लिए सुगम बनाने की ओर ज्यादा ध्यान दिया गया.

सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now
Polity E Book For All Exams Hindi Edition- Download Now


भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ -
पहली पंचवर्षीय योजना:
  • इसे जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 1951 से 1956 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था
  • यह योजना मुख्यतः Harrod-Domar मॉडल पर आधारित थी, कुछ संशोधन किये गए थे
  • इसका मुख्य उद्देश्य देश में कृषि सम्बन्धी विकास करना था
  • यह योजना सफल रही और इसने 3.6% की वृद्धि दर (2.1% के लक्ष्य से अधिक) हासिल की
  • इस योजना के अंत में देश में पांच आईआईटी स्थापित किए गए थे
द्वितीय पंचवर्षीय योजना:
  • यह योजना जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 1956 से 1961 की अवधि के लिए बनायी गयी थी
  • यह 1953 में बने पीसी महलानोबिस मॉडल पर आधारित थी
  • इसका मुख्य उद्देश्य देश में औद्योगिक विकास करना था
  • यह योजना 4.5% की लक्ष्य वृद्धि दर से पीछे रह गयी और 4.27% की वृद्धि दर हासिल की
  • हालाँकि, इस योजना की कई विशेषज्ञों द्वारा आलोचना की गई और इसके परिणामस्वरूप, भारत को वर्ष 1957 में भुगतान संकट का सामना करना पड़ा था
तीसरी पंचवर्षीय योजना:
  • इसे जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 1961 से 1966 की अवधि के लिए बनाया गया था
  • योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी.आर. गाडगिल के नाम पर इस योजना को "गाडगिल योजना" भी कहा जाता है
  • इस योजना का मुख्य लक्ष्य अर्थव्यवस्था को स्वतंत्र बनाना था. कृषि और गेहूं के उत्पादन में सुधार पर जोर दिया गया था.
  • इस योजना के क्रियान्वयन के दौरान, भारत दो युद्धों में सम्मिलित था:
  • 1) 1962 का भारत-चीन युद्ध और
  • 2) 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध.
इन युद्धों ने हमारी अर्थव्यवस्था की कमजोरी को उजागर किया और रक्षा उद्योग, भारतीय सेना, और कीमत के स्थिरीकरण (भारत में मुद्रास्फीति देखी गई थी) पर ध्यान केंद्रित किया
  • युद्ध और सूखे के कारण यह योजना असफ़ल हो गई थी. लक्ष्य वृद्धि 5.6% थी जबकि प्राप्त वृद्धि मात्र 2.4% थी.
Geography E Book Set for All Govt. Exams English Edition- Download Now

अवकाश योजना:
पिछली योजना की विफलता के कारण, सरकार ने 1966 से 1969 तक तीन वार्षिक योजनाओं की घोषणा की, जिन्हें अवकाश योजना कहा जाता है. अवकाश योजना के बनने के पीछे मुख्य कारण भारत-पाकिस्तान युद्ध और चीन-भारत युद्ध था, जिसके कारण तीसरी पंचवर्षीय योजना विफल हो गई थी
  • इस योजना के दौरान वार्षिक योजनाएँ बनाई गईं और कृषि से जुड़े क्षेत्रों और उद्योग क्षेत्र को समान प्राथमिकता दी गई.
  • देश में निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने रुपये के अवमूल्यन की घोषणा की
चौथी पंचवर्षीय योजना:
  • चौथी पंचवर्षीय योजना इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लागू की गयी थी.
  • इसकी अवधि 1969 से 1974 तक थी
  • इस योजना के दो मुख्य उद्देश्य थे - स्थिरता के साथ विकास और आत्मनिर्भरता की प्रगतिशील उपलब्धि
  • इस दौरान 14 प्रमुख भारतीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया और हरित क्रांति की शुरुआत हुई.
  • इसी दौरान 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध हुआ.
  • परिवार नियोजन कार्यक्रमों का क्रियान्वयन इस योजना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक था
  • यह योजना भी विफल रही और 5.7 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले केवल 3.3 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकी
पांचवी पंचवर्षीय योजना:
  • इसकी अवधि 1974 से 1978 तक थी
  • यह योजना गरीबी हटाओ, रोजगार, न्याय, कृषि उत्पादन और रक्षा पर केंद्रित थी
  • विद्युत आपूर्ति अधिनियम को 1975 में संशोधित किया गया था, 1975 में एक बीस सूत्री कार्यक्रम शुरू किया गया था, न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम (एमएनपी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रणाली पेश की गई थी
  • कुल मिलाकर यह योजना सफल रही जिसने 4.4% के लक्ष्य के मुकाबले 4.8% की वृद्धि हासिल की
  • इस योजना को 1978 में नवनिर्वाचित मोराजी देसाई सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया था
जानिए पंजाब के इतिहास के बारे में

रोलिंग योजना:
  • पांचवीं पंचवर्षीय योजना की समाप्ति के बाद, रोलिंग योजना 1978 से 1990 तक लागू हुई
  • 1980 में, कांग्रेस ने रोलिंग प्लान को खारिज कर दिया और एक नई छठी पंचवर्षीय योजना पेश की गई
  • रोलिंग प्लान के तहत तीन योजनाएं शुरू की गईं:
(1) वर्तमान वर्ष के बजट के लिए
(2) यह योजना निश्चित वर्षों के लिए थी- 3,4 या 5
(3) लंबी अवधि के लिए परिप्रेक्ष्य योजना- 10, 15 या 20 साल
  • इस योजना के कई फायदे थे क्योंकि लक्ष्यों में संशोधन किया जा सकता था और परियोजनाएं, आवंटन आदि देश की अर्थव्यवस्था के लिए परिवर्तनशील थे. इसका मतलब यह है कि यदि लक्ष्यों में हर साल संशोधन किया जा सकता है, तो लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल होगा और इसके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आएगी.
छठी पंचवर्षीय योजना:
  • यह योजना इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1980 से 1985 तक की अवधि के लिए लागू की गयी थी
  • इस योजना का मूल उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करके आर्थिक उदारीकरण प्राप्त करना था
  • यह निवेश योजना, ढांचागत परिवर्तन और विकास मॉडल की प्रवृत्ति पर आधारित था
  • इसका विकास लक्ष्य 5.2% था लेकिन इसने 5.7% की वृद्धि हासिल की थी
सातवीं पंचवर्षीय योजना:
  • यह योजना राजीव गाँधी के नेतृत्व में 1985 से 1990 तक की अवधि के लिए लागू की गयी थी
  • इस योजना के उद्देश्यों में एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की स्थापना, उत्पादक रोजगार के अवसर और प्रौद्योगिकी का उन्नयन शामिल थे
  • योजना का उद्देश्य खाद्यान्न उत्पादन में तेजी लाना, रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना और 'खाद्य, कार्य और उत्पादकता' पर ध्यान केंद्रित करते हुए उत्पादकता बढ़ाना था
  • पहली बार निजी क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र पर प्राथमिकता मिली है
  • इसका विकास लक्ष्य 5.0% था लेकिन इसने 6.01% की विकास दर हासिल की
वार्षिक योजनाएँ:
  • केंद्र में अस्थिर राजनीतिक स्थिति के कारण आठवीं पंचवर्षीय योजना लागू नहीं हो सकी
  • वर्ष 1990-91 और 1991-92 के लिए दो वार्षिक कार्यक्रम बनाए गए
आठवीं पंचवर्षीय योजना:
  • वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में लागू हुयी इस योजना की अवधि 1992 से 1997 तक थी
  • इस योजना में मानव संसाधन अर्थात रोजगार, शिक्षा और जन स्वास्थ्य के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई थी
  • इस योजना के दौरान, नरसिम्हा राव सरकार ने भारत की नई आर्थिक नीति का शुभारंभ किया
  • आठवीं योजना अवधि के दौरान के कुछ मुख्य आर्थिक परिणाम तीव्र आर्थिक विकास (अब तक की उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर - 6.8%), कृषि और संबद्ध क्षेत्र की उच्च वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र, निर्यात और आयात में वृद्धि, और व्यापार में सुधार थे. इस अवधि में एक उच्च विकास दर हासिल की गई थी, भले ही कुल निवेश में सार्वजनिक क्षेत्र का हिस्सा काफी कम होकर लगभग 34% हो गया था
  • यह योजना सफल रही और 5.6% के लक्ष्य के मुकाबले 6.8% की वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त की
नौवीं पंचवर्षीय योजना:
  • अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में लागू हुयी इस योजना की अवधि 1997 से 2002 तक थी
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य "सामाजिक न्याय और समानता के साथ विकास" था
  • इसे भारत की स्वतंत्रता के 50वें वर्ष में शुरू किया गया था
  • यह योजना 6.5% के विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रही और 5.6% की वृद्धि दर हासिल की
दसवीं पंचवर्षीय योजना:
  • अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू रही इस योजना की अवधि 2002 से 2007 तक थी
  • इस योजना का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में भारत की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना था
  • इसका उद्देश्य 2012 तक गरीबी अनुपात को 15% तक कम करना है
  • इसका विकास लक्ष्य 8.0% था लेकिन यह 7.6% की वृद्धि दर ही हासिल कर सकी
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना:
  • मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू रही इस योजना की अवधि 2007 से 2012 तक थी
  • इस योजना को सी. रंगराजन ने तैयार किया था
  • इसका मुख्य विषय "तेजी से और अधिक समावेशी विकास" था
  • इसने 9% की वृद्धि के लक्ष्य के मुकाबले 8% की वृद्धि दर हासिल की थी
बारहवीं पंचवर्षीय योजना:
  • मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू इस योजना की अवधि  2012 से 2017 तक थी
  • इसका मुख्य उद्देश्य "तेज़, अधिक समावेशी और सतत विकास" था
  • इसकी विकास दर का लक्ष्य 8% था
लंबे समय से, लोगों के मन में यह भावना थी कि भारत जैसे बड़े और विविधतापूर्ण देश के लिए, केंद्रीकृत योजना एक निश्चित स्थिति के आगे काम नहीं कर सकती क्यूंकि केंद्रीकृत योजना इस अनुमान पर काम करती है कि एक हीं साइज़ सबको फिट आ जायेगा. इसलिए, एनडीए सरकार ने योजना आयोग को भंग कर दिया. और इसे नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया. इस प्रकार, कोई तेरहवीं पंचवर्षीय योजना नहीं बनी, हालांकि, पंचवर्षीय रक्षा योजना बनाई गई. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नीति आयोग के दस्तावेजों की कोई वित्तीय भूमिका नहीं है. वे सरकार के लिए केवल नीति पथप्रदर्शक खाका हैं.

बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी
भारत में पुर्तगाली शक्ति का उदय और उनके विनाश का कारण
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More