Guaranteed employment program- क्या है शहरी रोजगार गारंटीकृत योजना जिसे आर्थिक सलाहकार परिषद ने पीएम को सौंपी है

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Thu, 19 May 2022 11:07 AM IST

Highlights

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labor Force Survey (PLFS)) के तीन दौरों के परिणामों के अनुसार, टॉप 1% आबादी के पास तीन सालों में 2019-20 में कमाएं कुल आय का 6-7% था, वहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप 10% के पास इसका एक तिहाई आय है।

Guaranteed employment program- आर्थिक सलाहकार परिषद ( Economic Advisory Council (EAC)) द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपी गई एक रिपोर्ट में बुधवार को सुझाव दिया है कि सरकार देश में हर नागरिक के आय के अंतर को कम करने और शहरी बेरोजगारों के लिए एक गारंटीकृत रोजगार कार्यक्रम (employment program) शुरू करने के लिए एक सार्वभौमिक बुनियादी आय (Universal Basic Income (UBI)) योजना शुरू करे। परिषद का कहना है कि इस योजना के लागु होने के बाद शहर में रह रहे बेरोजगारों को भी रोजगार गारंटी के साथ शहर में ही रोजगार मिले, जिससे शहर में लोगों के आय को बैलेंस किया जा सके, और रिपोर्ट ने कमजोर समूहों  या बेरोजगार वर्ग को झटके के प्रति अधिक फ्लेक्सेबल बनाने और उन्हें गरीबी में गिरने (उनकी गरीबी कम करने) से रोकने के लिए सामाजिक क्षेत्र पर न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने और गवर्नमेंट इनवेस्टमेंट को बढ़ाने की  बात कही है।   अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: Safalta


Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes



इस लेख के प्रमुख बिंदु:


ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच श्रम शक्ति भागीदारी दरों (labor force participation rates) में असमानता को देखते हुए, "भारत में असमानता की स्थिति" टाइटल वाले रिपोर्ट के अनुसार, देश में पहले से ही लागु मनरेगा जैसे मांग-आधारित और गारंटीकृत रोजगार कार्यक्रमों के शहरी क्षेत्र में भी लागु किया जाना चाहिए जो शहर में आय समानता को बैलेंस कर सके।
इसमें कहा गया है कि न्यूनतम मजदूरी (minimum wage) को बढ़ावा देना और सार्वभौमिक बुनियादी आय (universal basic income) को लागू करने के विचार हैं जो आय अंतर को  समाप्त करने में सरकार और बेरोजगार लोगों की सहायता करेंगे।


Monthly Current Affairs May 2022 Hindi


Economic Advisory Council (EAC)- प्रधानमंत्री ने कहा कि बहु-आयामी वातावरण (multi-dimensional environment) में गरीबी को मापने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा गरीबी में और बाहर गतिशीलता को चार्ट करना है।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labor Force Survey (PLFS)) के तीन दौरों के परिणामों के अनुसार, टॉप 1% आबादी के पास तीन सालों में 2019-20 में कमाएं कुल आय का 6-7% था, वहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप 10% के पास इसका एक तिहाई आय है।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन फ्री बुक्स को डाउनलोड करें
Hindi Vyakaran E-Book-Download Now
Polity E-Book-Download Now
Sports E-book-Download Now
Science E-book-Download Now

Related Article

How Many Sector push may create Lakhs jobs in five years

Read More

रायबरेली में सफलता का डिजिटल मार्केटिंग कोर्स मचा रहा धूम, सैकड़ों युवाओं को मिली नौकरी

Read More

Online Marketing : The Who, What, Why and How of Digital Marketing

Read More

Difference between Data Analytics and Data Analysis

Read More

Introduction to Safalta: A Leading Digital Marketing Training Institute

Read More

Measuring The Impact: How To Track Your Brand Awareness Success

Read More

Future-Programming Hybrid Skills: The Requirement for Marketing Professionals to Upskill and Cross-Skill

Read More

CRM Integration Made Easy: Tips for Seamless Implementation

Read More

5 of the most valued marketing skills

Read More