Bihar Diwas - जानें बिहार दिवस पर बिहार की गौरवमयी गाथा

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Tue, 22 Mar 2022 07:56 PM IST

आज यानि 22 मार्च को बिहार अपने गठन के 110 साल पूरे करने जा रहा है. 22 मार्च सन 1912 को अंग्रेजों ने बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करके एक नए राज्य के रूप में स्थापित किया था. तब से लेकर आजादी के बाद तक बिहार की पहचान में काफी कुछ नया जोड़ा और पुराना छीना जा चुका है. खैर, अनेकों टूटन और उतार चढ़ाव देखने के बाद भी बिहार आज भी अपने गौरवमय इतिहास के साथ शान से जीवित है और अपनी 110 वीं सालगिरह मना रहा है. 22 मार्च को यानि अपनी स्थापना दिवस के दिन हर साल बिहार में सार्वजनिक अवकाश यानी पब्लिक हॉलिडे होता है. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: Safalta

March Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


बिहार-

बिहार भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और यह भारत के महान राज्यों में से एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक राज्य है. बिहार की गौरव गाथा विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है. इसकी राजधानी पटना है. यहाँ पर पश्चिम से पूर्व की तरफ गंगा नदी बहती है. बिहार राज्य, गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों के बीचों बीच बसा हुआ है. जनसंख्या की दृष्टि से बिहार भारत का तीसरा सबसे बड़ा प्रदेश है. वहीँ क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का बारहवां राज्य है. बिहार के उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखण्ड, पूर्व में पश्चिम बंगाल, और पश्चिम में उत्तर प्रदेश स्थित है. 15 नवम्बर सन् 2000 ईस्वी को बिहार के दक्षिणी हिस्से को अलग कर एक नया राज्य झारखण्ड बना दिया गया था.
बिहार का राजकीय वृक्ष पीपल है तो राजकीय पक्षी गौरैया. गौरैया से पहले बिहार का राजकीय पक्षी नीलकन्ठ हुआ करता था. बिहार का राजकीय पशु बैल है तो राजकीय फूल गेंदा. बोधि वृक्ष बिहार का राजकीय चिन्ह है. बिहार की जनसंख्या का अधिकांश भाग ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है. यहाँ के केवल 11.3 प्रतिशत लोग हीं शहरों में रहते हैं.

बिहार को सप्त नदियों की भूमि भी कहा गया है.

(1) गंगा
(2) गंडक
(3) बागमती
(4) कोसी
(5) कर्मनासा
(6) सोन
(7) पुनपुन
इसके अलावा पौराणिक सन्दर्भों में वर्णित फल्गू नदी (अब विलुप्त) का उद्गम भी बिहार हीं है. यह नदी छोटानागपुर के पठार से कई धाराओं के रूप में निकलती है. इसकी मुख्य धारा को निरंजना कहते हैं. आगे बोध गया के पास इसमें मोहाने नामक नदी आकर मिल जाती है. मोहाने के मिलने के बाद हीं इसे ''फल्गू नदी'' के नाम से जाना जाता है. निरंजना हीं वह नदी है जिसके तट पर गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इस नदी को अंतःसलिला या लीलाजन के नाम से भी जाना जाता है. गया में आज भी इस नदी के तट पर पितृ पक्ष का मेला लगता है, जिसमें लोगों द्वारा अपने पूर्वजों का पिंडदान किया जाता है. लोककथा है कि सर्वप्रथम सीता ने फल्गु नदी के तट पर अपने श्वसुर राजा दशरथ का पिण्डदान किया था.

बिहार सरकार द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए फ्री बुक डाउनलोड करें

Bihar History Free E-Book- Download Now
Bihar Geography Free E-Book- Download Now
Bihar Industries- Free E-Book- Download Now
Bihar Forests and Animals- Free E-Book- Download Now
Bihar Agriculture and Animal Husbandry- Free E-book- Download Now

 

  • 12 फरवरी वर्ष 1948 को महात्मा गांधी के अस्थि कलश को जिन 12 तटों पर विसर्जित किया गया था, बिहार का त्रिमोहिनी संगम भी उनमें से एक है.
  • बिहार महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, पुराणों में वर्णित महर्षि वाल्मीकि, दुर्वासा ऋषि, राजा जनक, देवी सीता, महाभारत के कर्ण  और कवि विद्यापति समेत कई-कई महापुरुषों-विदुषी महिलाओं की गौरवशाली धरती है. रामायण के रचयिता महर्षि बाल्मीकि का जन्म स्थल भी बिहार के पश्चिम चंपारण में माना जाता है. सिक्खों के दसवें गुरु ''गुरु गोबिन्द सिंह जी'' जन्म स्थान भी पटना सिटी (पटना) हीं है.
  • हिंदी बिहार की राजभाषा और उर्दू दूसरी राजभाषा है. मैथिली भारतीय संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल एकमात्र बिहारी भाषा है. बिहार में बोली जाने वाली अन्य प्रमुख भाषाएँ भोजपुरी, मगही, अंगिका तथा बज्जिका हैं. बिहार के प्रमुख त्योहार छठ, होली, दीपावली, दशहरा, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्री पंचमी, मुहर्रम, ईद, क्रिसमस आदि हैं.

कितनी बार टूटा बिहार -

22 मार्च सन 1912 को अंग्रेजों द्वारा बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करके एक नए राज्य के रूप में स्थापित किया गया था. इसके बाद वर्ष 1936 में उड़ीसा को बिहार से काट कर अलग कर दिया गया. सन 1956 में एक बार फिर बिहार की सीमा का भाषा के आधार पर पुनर्गठन किया गया और और इस तरह एक बार फिर से बिहार को तोड़ा गया. इस बार पुरुलिया जिला को बिहार से अलग कर बंगाल में शामिल कर दिया गया. स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और 15 नवंबर 2000 को एक बार फिर से बिहार के दो टुकड़े करके झारखंड राज्य को इससे अलग कर दिया गया.

List of Governors of Indian States and UT

गौरवमय बिहार - 

प्राचीन काल का बिहार अपने विशाल साम्राज्यों, शिक्षा केन्द्रों एवं संस्कृति के गढ़ के लिए प्रसिद्द था. ''बिहार'' नाम का उद्भव ''विहार'' शब्द से हुआ जो बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान को कहा जाता था. कालान्तर में यह अपभ्रंश होकर बिहार हो गया. 325 ईसा पूर्व चंद्रगुप्त मौर्य (जो मगध में पैदा हुआ था) ने बिहार में भारत का पहला साम्राज्य स्थापित किया था. मौर्य साम्राज्य भारत का आज तक का सबसे बड़ा साम्राज्य है. इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में थी. मौर्य साम्राज्य पश्चिम मे ईरान से लेकर पूर्व मे बर्मा तक और उत्तर मे मध्य-एशिया से लेकर दक्षिण मे श्रीलंका तक समूचे भारतवर्ष में फैला हुआ था. चंद्रगुप्त मौर्य ने अफगानिस्तान के बड़े हिस्से को भी जीत लिया था. चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर को हराकर पर्शिया का बड़ा हिस्सा जीत लिया था और संधि मे यूनानी राजकुमारी हेलेना  से विवाह किया था. अर्थशास्त्र के रचयिता आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री, गुरु और मार्गदर्शक थे. सम्राट अशोक इस साम्राज्य के सबसे बड़े राजा थे. पाटलीपुत्र (पटना) में पैदा हुए मौर्य सम्राट, अशोक को दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा शासक माना जाता है. सम्राट अशोक ने काबुल से कर्नाटक तक अपने साम्राज्य का बिस्तार किया था.

शिक्षा-

एक समय था जब बिहार शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया के सर्वप्रमुख केन्द्रों में से एक था. नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय तथा ओदान्तपुरी विश्वविद्यालय प्राचीन बिहार के गौरवशाली अध्ययन केंद्र थे. उस काल के विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वाणिज्य, धर्म और भारतीय दर्शन को समूचे भारत का स्वर्ण युग कहा गया है.

सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now
Polity E Book For All Exams Hindi Edition- Download Now


मध्यकालीन इतिहास
मगध में मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी के आक्रमण ने भारी तबाही मचाई. मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने कई बौद्ध विहार, तथा बिहार के नालंदा और विक्रमशिला के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया था. कहते हैं कि 12 वीं शताब्दी के दौरान हजारों बौद्ध भिक्षुओं की हत्या हुई थी.

आधुनिक इतिहास

प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 80 साल की उम्र में बाबू वीर कुंबर सिंह ने अंग्रेजों की फौज से लोहा लिया था. महात्मा गाँधी की बिहार के चंपराण से ही सत्याग्रह की शुरुआत की. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार में चंपारण विद्रोह को अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत फैलाने में अग्रण्य घटनाओं में गिना जाता है. भारत छोड़ो आन्दोलन में भी बिहार की गहरी भूमिका रही.

खानपान

बिहार अपने खानपान की विविधता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहाँ के शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों व्यंजनों की विविधता मशहूर है. अनरसा की गोली, पिपरा का खाजा, मोतीचूर के लड्डू, गया के तिलकुट, रफीगंज का छेना, टिकड़ी, पेड़ा आदि यहाँ की ख़ास और विशिष्ट मिठाईयाँ हैं. इसके अलावा सत्तू, चूड़ा-दही, लिट्टी-चोखा, पूरी-जलेबी, चावल-दाल-सब्जी, कढी बड़ी, मालपुआ, लहसुन की चटनी, दालपूरी, मखाना खीर, पिरूकिया, ठेकुआ, भेलपुरी, खजुरी, बैगन का भरता आदि स्थानीय व्यंजन अपने अनूठे स्वाद के लिए देश विदेश में प्रसिद्द है.

Geography E Book Set for All Govt. Exams English Edition- Download Now

राज्य के मुख्य उद्योग-
  • मुंगेर में सिगरेट कारखाना (आई टी सी)
  • मुंगेर में आई टी सी के अन्य उत्पाद अगरबत्ती, माचिस तथा चावल-आटा आदि.
  • मुंगेर में बन्दूक फैक्टरी.
  • जमालपुर में रेल कारखाना.
  • भागलपुर में सिल्क उद्योग.
  • मुजफ्फरपुर और मोकामा में 'भारत वैगन लिमिटेड' का रेलवे वैगन संयंत्र.
  • बरौनी में भारतीय तेल निगम का तेलशोधक कारख़ाना.
  • औरंगाबाद का सीमेंट का कारखाना
  • रेल इंजन कारखाना, मधेपुरा.
  • रेल इंजन कारखाना मढ़ौरा.
  • मोकामा के दरियापुर मे बाटा कम्पनी का जूता कारखाना.
  • आदि का बिहार के औद्योगिक नक्शे में महत्वपूर्ण स्थान है.
ये बिहार है -
  • बिहार भगवान बुद्ध और भगवान महावीर स्वामी की कर्मभूमि है. यह महान अर्थशास्त्री चाणक्य, कालिदास और पाणिनी की भूमि है.
  • बिहार आर्यभट्ट की भूमि है जिसने दुनियाँ को शून्य का ज्ञान दिया. बताया कि धरती अपने हीं अक्ष पर चारों तरफ घूमती है. बिहार की भूमि लिच्छवि गणराज्य की भूमि है जहाँ विश्व के प्रथम लोकतंत्र की शुरुआत हुई थी. यह जरासंध की भूमि है जिसने भगवान कृष्ण को युद्ध भूमि छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. बिहार अजातशत्रु और सम्राट अशोक की धरती हैं जिसका मगध साम्राज्य भारत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से था.
  • यह शेरशाह सूरी की धरती है जिसने कलकत्ता से पेशावर (पाकिस्तान) तक ग्रेंड ट्रंक रोड का निर्माण कराया.
बिहार बौद्ध धर्म का गढ़ –
बौद्ध धर्म की शुरुआत बिहार से हुई. भगवान बुद्ध को बिहार के गया नामक स्थान पर पीपल वृक्ष के नीचे बोध ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. यह वृक्ष आज भी बोधिवृक्ष के नाम से जाना जाता है और दुनिया भर के बौद्धधर्मावलम्बी और पर्यटक हर रोज यहाँ आते हैं. महान सम्राट प्रियदर्शी अशोक ने बौद्ध धर्म का श्रीलंका तक प्रचार किया था.

बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी
भारत में पुर्तगाली शक्ति का उदय और उनके विनाश का कारण
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण
 

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More