The difference between Constitution and Law : संविधान और कानून के बीच के अंतर को जानें

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Tue, 14 Jun 2022 07:40 PM IST

Highlights

कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है. संविधान खुद एक कानून है और कोई भी कानून संविधान के किसी आर्टिकल से हीं जुड़ा होता है इसके अलावे कोई भी कानून संविधान सम्मत हीं होना चाहिए. एक वाक्य में कहें तो संविधान कानूनों का कानून है.

किसी देश का संविधान उस राष्ट्र का सर्वोच्च कानून होता है. जबकि लॉ, विधि या कानून सामाजिक और सरकारी संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए नियमों का एक समूह है, हालांकि इसकी कोई सटीक परिभाषा नहीं है. लॉ (कानून) कई प्रकार के होते हैं. यहां दिए गए संविधान बनाम कानून के बीच अंतर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है. आइए सबसे पहले समझते हैं कि संविधान और कानून आखिर है क्या ? अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैंतो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

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संविधान और कानून -

कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है. संविधान खुद एक कानून है और कोई भी कानून संविधान के किसी आर्टिकल से हीं जुड़ा होता है इसके अलावे कोई भी कानून संविधान सम्मत हीं होना चाहिए. एक वाक्य में कहें तो संविधान कानूनों का कानून है.

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एक संविधान एक कानूनी संरचना है जो सरकार की एक संस्था और उसकी प्रमुख भूमिकाओं को परिभाषित करता है. सामान्य तौर पर हमारा संविधान मौलिक सिद्धांतों का एक संग्रह है जो राज्य व्यवस्था, संगठन और अन्य कई चीजों को परिभाषित करता है और कानूनी आधार का गठन करता है कि इसे कैसे शासित किया जाना चाहिए. इन सिद्धांतों को जब एक कानूनी दस्तावेज के रूप में लिखा जाता है और इकाई के प्रत्येक सदस्य द्वारा उनका पालन किया जाता है तो एक संविधान बन जाता है. संविधान लिखित, संहिताबद्ध और मौखिक भी हो सकते हैं.
जबकि कानून या लॉ एक प्राचीन अनुशासन है, नियमों की एक व्यवस्था है जो सरकारी संस्थानों द्वारा बनाई और लागू की गई है ताकि यह परिभाषित किया जा सके कि उस राष्ट्र के लोग क्या कर सकते हैं और क्या नहीं. कानून में संविधान, नियमों और विनियमों का भी समावेश होता है, जो इसे एक व्यापक विषय बनाता है.

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और आइए अब जानते हैं कि संविधान और कानून के बीच क्या अंतर है -
 
क्रम संख्या संविधान कानून
1. कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है. संविधान खुद एक कानून है और कोई भी कानून संविधान के किसी आर्टिकल से हीं जुड़ा होता है इसके अलावे कोई भी कानून संविधान सम्मत हीं होना चाहिए. एक वाक्य में कहें तो संविधान कानूनों का कानून है.
संविधान देश का सर्वोच्च कानून है.
कानून की कोई सटीक परिभाषा नहीं है. यह सभ्यता के विकास के साथ साथ रूढ़ियों, प्रथाओं और परम्पराओं को परिवर्तित कर स्वयं को विकसित करता रहा है. इस क्रम में बहुत से पुराने और बेकार नियमों का नष्ट होना और नए तथा उपयोगी नियमों का बनना जारी रहा है.
2. एक संविधान मौलिक कानूनों का समूह है जो यह निर्धारित करता है कि किसी देश को किस प्रकार से शासित किया जाना चाहिए. आमतौर पर यह समझा जाता है कि कानून नियमों की एक प्रणाली है, जो नागरिकों के आचरण को नियंत्रित या विनियमित करने के लिए सामाजिक या सरकारी संस्थानों के माध्यम से बनाए और लागू किए जाते हैं.
3. एक संविधान समाज को बुनियादी सिद्धांत प्रदान करता है. "कानून" या ‘’लॉ’’ शब्द का अर्थ उस संदर्भ पर निर्भर करता है जिस सन्दर्भ में उस शब्द का प्रयोग किया जाता है.
4. थॉमस पेन के अनुसार - संविधान के बगैर कोई भी सरकार, बिना किसी शक्ति की सरकार है. कानून नियमों की एक प्रणाली है जिसे एक राष्ट्र अपने नागरिकों के कार्यों को विनियमित करने के लिए प्रयोग करता है.
5. एक संविधान विधायी, न्यायपालिका और कार्यपालिका के अधिकारियों और शक्तियों का सीमांकन करता है. कानून कई प्रकार के होते हैं. जैसे - संवैधानिक कानून, मानवाधिकार कानून, प्रशासनिक कानून, आपराधिक कानून, अनुबंध कानून, संपत्ति कानून, श्रम कानून, कर कानून, बैंकिंग कानून, आव्रजन कानून, कंपनी कानून, बौद्धिक संपदा कानून, अंतरिक्ष कानून, उपभोक्ता कानून, पर्यावरण कानून.
6. एक संविधान वहाँ के नागरिकों के अधिकारों और नागरिकों के स्वतंत्रता की गारंटी देता है. किसी देश का कानून उस देश के शासक निकायों के द्वारा लागू किया जाता है.
7. संविधान मौलिक कानून है जो सरकार की एक प्रणाली को स्थापित करता है और सरकारी संप्रभु शक्तियों के दायरे को परिभाषित करता है. देश के कानून का उल्लंघन करने वालों को सजा दिए जाने का प्रावधान है.
8. एक संविधान एक राष्ट्र के प्रतीक के रूप में कार्य करता है. देश का कानून नैतिकता से प्रभावित होता है.
9. किसी देश को कैसे संगठित किया जाना चाहिए, इस पर एक संविधान दिशा-निर्देश देता है. कानून के उल्लंघन के लिए सजा का प्रकार और सजा की अवधि देश के कानून द्वारा तय की जाती है.
किसी देश में कानून की मुख्य संस्थाएं अदालतें, संसद, पुलिस, सैन्य, कानूनी पेशा, नौकरशाही संगठन और स्वयं वहाँ का नागरिक समाज हैं.
 
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