ग्रामीण जीवन को आधार बनाकर लिखी गई इस कहानी में पारिवारिक संबंधों में व्याप्त मनुष्य की स्वार्थी प्रवृत्ति को उजागर किया गया है । मानवीय संवेदनाओं पर चोट करती हुई इस कहानी में इस तथ्य को रेखांकित किया गया है कि ज़मीन – जायदाद के कारण कई बार व्यक्ति अपनों के बीच भी पराया हो जाता है । साथ ही यह कहानी बदलते पारिवारिक मूल्यों को भी अभिव्यक्त करती है । कथाकार ने हरिहर काका के द्वारा वृद्ध व्यक्ति की स्थिति को व्यक्त किया है कि किस प्रकार एक वृद्ध व्यक्ति परिवार का प्यार और अपनापन पाने की चाह रखता है , जो उसे नहीं मिल पाता , क्योंकि परिवार के सभी सदस्य स्वार्थ के वशीभूत हो गए हैं । कोई भी बिना स्वार्थ के उसकी ( वृद्ध ) सेवा नहीं करना चाहता । वहीं दूसरी ओर धर्म के नाम पर ठगने वाले धर्माचारियों की स्वार्थलिप्सा को अभिव्यक्त करते हुए , धर्म की आड़ में पल रही हिंसावृत्ति को भी उजागर किया गया है । यह कहानी आज के ग्रामीण जीवन के ही नहीं , बल्कि शहरी जीवन के यथार्थ को भी बखूबी अभिव्यक्त करती है । हरिहर काका उसी गाँव में रहते हैं , जिसमें लेखक रहता है । हरिहर काका के चार भाई हैं । उन्हें छोड़कर सभी का परिवार है । हरिहर काका के दो विवाह हुए , किंतु उनकी दोनों पत्नियाँ लंबे समय तक उनका साथ नहीं दे सकीं और उनकी मृत्यु हो गई । हरिहर काका निःसंतान रह गए । वे अब अपने भाइयों के साथ रहते हैं । उनके परिवार में साठ बीघे खेती योग्य ज़मीन है । यदि इसे विभाजित किया जाए , तो हरिहर काका के हिस्से में पंद्रह बीघे ज़मीन आती है । उनकी कोई संतान न होने के कारण उनके भाइयों की दृष्टि उनकी ज़मीन पर है ।
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NCERT Solutions for Chapter 1: हरिहर काका
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Check out Frequently Asked Questions (FAQs) for Chapter 1: हरिहर काका
पहले दौर में महंत ने काका के साथ कैसा व्यवहार किया?
सेवा सत्कार के साथ
ठाकुरबारी में पूजा पाठ के अलावा और क्या होता था?
धन संपत्ति धर्म के नाम पर लूटी जाती
हरिहर काका की कहानी का उद्देश्य क्या है?
स्वार्थी और हिंसवृत्ति को बेनकाब करना
हरिहर काका कथा वाचक को कैसे घुमाया करते थे?
अपने कंधे पर बैठा कर
गांव के लोग अपनी सफलता का श्रेय किसको देते हैं?
ठाकुरबारी को