राही मासूम रज़ा का प्रसिद्ध उपन्यास है- ‘ टोपी शुक्ला ‘ | इस उपन्यास के एक अंश के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि किस प्रकार भरे – पूरे परिवार में भी एक व्यक्ति अकेलापन महसूस करता है और अपनेपन की खोज में भटकता है । कथानायक टोपी को अपनों के रूप में अज़ीज़ दोस्त इफ़्फ़न , उसकी दादी तथा नौकरानी सीता मिली । टोपी के पिता एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं । घर में किसी चीज़ का अभाव नहीं है , फिर भी वह अपना अकेलापन दूर करने इफ़्फ़न के घर जाता है , क्योंकि उसके अकेलेपन को समझने वाला उसके अपने घर में कोई नहीं है । इसी के साथ लेखक ने इस औपन्यासिक अंश के माध्यम से सांप्रदायिक , जातिगत , धार्मिक आदि भेदभावों को समाप्त करते हुए मानवीयता के महत्त्व को उजागर किया है ।
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Check out Frequently Asked Questions (FAQs) for Chapter 3: टोपी शुक्ला
तीसरे वर्ष में तीसरी श्रेणी में पास तो हो गए हो
किसी ऐसे लड़के से मित्रता नहीं करेगा जिसके पिता की नौकरी बदली वाली हो
क्योंकि नाम से किसी का स्वरूप नहीं बदलता
माता जी को अम्मी बुलाने से