छात्र पुस्तक से महादेवी वर्मा द्वारा लिखित कहानियाँ नीलकंठ, गिल्लू, गौरा, सोना आदि कहानियाँ पढे। ये कहानियाँ पशु-पक्षियों से संबंधित हैं।
महादेवी वर्मा का पशु पक्षियों के प्रति लगाव बहुत ही ज्यादा था। वह बचपन से ही पशु पक्षियों का ध्यान रखती थी। उन्होंने अपना बचपन पशु-पक्षियों के देखभाल और उनके साथ खेलकूद में ही बिताया I ठंड के महीनों में कुँ कुँ करता पिल्ला का ध्यान वह बहुत ही अच्छी तरह रखती थी। पशु-पक्षियों के प्रति उनकी भावना दया और करुणा भरी थी। महादेवी वर्मा की प्रसिद्ध कहानी ‘गिल्लू’ भी पशु-पक्षियों के प्रति महादेवी वर्मा के प्रेमभाव को दर्शाता है। वह काफी दयामयी थी। महादेवी वर्मा की रचनाओं से पता चलता है कि वह अपने घर में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु पाल रखी थी। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि पशु-पक्षी भी महादेवी वर्मा को बहुत ही ज्यादा पसंद करते थे। महादेवी वर्मा का पशु-पक्षियों के प्रति लगाव जग-जाहिर है।