Biography Of Kapil Dev, कपिल देव के बायोग्राफी के बारे में जानें विस्तार से 

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Sat, 07 Jan 2023 12:10 PM IST

Highlights

कपिल देव के पुरस्कार और उपलब्धियां 

साल 1979-80 के दौरान क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन के लिए इन्हें भारत सरकार की ओर से अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
1982 के दौरान भारत में कपिल देव की प्रतिभा और लगन को देखकर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।

 

Biography Of Kapil Dev : कपिल देव क्रिकेट की दुनिया के एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें क्रिकेट में उच्च एवं सम्माननीय दर्जा प्राप्त है। कपिल देव ने भारत में पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  जब किसी ने यह नहीं सोचा था कि भारत वर्ल्ड कप में जीतेगा तब कपिल देव ने साल 1999 एवं साल 2000 के बीच 10 महीने तक भारत के कोच की भूमिका निभाई थी। कपिल देव जिन्हें लोग हरियाणा तूफान के नाम से जानते हैं। वह क्रिकेटर को क्रिकेट पिच पर कभी भी रन आउट होते हुए नहीं देखा गया था। इस खिलाड़ी ने अपने स्वास्थ्य एवं फिटनेस पर इतना खास ध्यान दिया था जिसके चलते इन्हें सेहत के कारण टेस्ट मैच से बाहर नहीं किया गया। कपिल देव दाएं हाथ के बल्लेबाज होने के साथ-साथ दाएं हाथ के गेंदबाज भी थे, जो कि तेजी से रन बनाना पसंद करते थे। आइए जानते हैं उनके जीवन परिचय के बारे में विस्तार से।
 

 कपिल देव के जन्म एवं शिक्षा के बारे में 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


भारत के महान खिलाड़ी में से एक कपिल देव पंजाब के एक बहुत प्रसिद्ध शहर चंडीगढ़ में इनका जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल से की और स्नातक की पढ़ाई के लिए सेंट एडवर्ड कॉलेज में दाखिला लिया था। खेल में रुचि एवं प्रतिभा को देखकर इन्हें प्रेम आजाद के पास क्रिकेट सीखने के लिए भेजा गया। जब भारत और पाकिस्तान को अलग किया जा रहा था तब इनका परिवार रावलपिंडी पाकिस्तान से भारत में आकर रहने लगा था। यहीं पर कपिल देव के पिता रामलाल ने लकड़ी का बिजनेस शुरू किया। ये कुल  मिलाकर 7 भाई बहन थे जिनमें से चार बहने, तीन भाई थे। कपिल देव माता-पिता की राजधानी में शिफ्ट हो गए, साल 1980 में रोमी भाटिया नाम नाम से इनका विवाह हुआ। इसके 17 साल बाद उनके यहां एक लड़की का जन्म हुआ जिनका नाम  अमिया देव रखा गया है। 


कपिल देव के करियर के बारे में 

  •   साल 1975 से उन्होंने अपना करियर शुरू किया, तब ये हरियाणा के लिए पंजाब के खिलाफ मैच में 6 विकेट के साथ हरियाणा को शानदार जीत दिलाई थी और 63 रन से पंजाब को हरा दिया था।
  •  साल1976 में जम्मू कश्मीर के खिलाफ एक मैच में 8 विकेट लिए थे और 36 रन बनाकर थे और कपिल देव ने इसी साल बंगाल के खिलाफ 7 विकेट लिया था और 20 रन बनाए थे। इन दोनों मैच में इनकी प्रतिभा शानदार देखने को मिली थी।
  •  इसके बाद 1978 में टेस्ट मैच खेलने शुरू किया। उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। जिसमें कपिल देव ने सिर्फ 13 रन बनाए थे, बल्कि 1 विकेट भी लिया था।
  • कपिल देव एक बेहतरीन बैट्समैन होने के साथ-साथ एक अच्छे बॉलर भी थे जो कि सन 1979 क 1980 में इन्होंने दिल्ली के खिलाफ 193 रन की पारी खेलकर हरियाणा को शानदार जीत दिलाई थी।जो कि उनके करियर का पहला शतक था, जिसके बाद कपिल देव का नाम न सिर्फ बेहतरीन गेंदबाज में शामिल हुआ बल्कि बल्लेबाजी में भी इनका नाम शामिल हुआ। इन दोनों प्रतिभाओं के साथ, इन्हें बेहतरीन ऑलराउंडर क्रिकेटर माना जाता है।
 

कैप्टन के रूप में कपिल देव


 17 अक्टूबर सन 1979 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 124 में से 26 रन बनाए थे, जो कि इनके यादगार पारी के रूप में आज भी गिना जाता है। कपिल देव की कप्तानी के बारे में साल 1982 से 83 में भारत श्रीलंका से मैच खेलने गए थे, लेकिन इन्हें वेस्टइंडीज में ही हो रहे एक वनडे मैच की सीरीज में कैप्टन बनाया गया था। उस समय वेस्टइंडीज टीम का काफी अच्छा बोल बाला था। वेस्टइंडीज टीम को उस दौरान हराना नामुमकिन था और सुनील गावस्कर की शानदार पारी के सहारे वेस्टइंडीज को भारत ने इस मैच में हरा दिया था। उस मैच में सुनील गावस्कर जो उनके साथी खिलाड़ी थे इन्होंने उन्होंने 90 रन बनाए थे वही कपिल देव ने 72 रन बनाए थे साथ में 2 विकेट भी लगाए थे। इस जीत के बदौलत भारत को आने वाले वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज को हराने का विश्वास गहरा हो गया था और जो कि वर्ल्ड कप जीतने में 1983 का वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन को देखने के बाद किसी ने यह उम्मीद नहीं थी कि भारत वर्ल्ड कप जीतेगा।


कपिल देव का वर्ल्ड कप में प्रदर्शन


 जब कपिल देव ने वर्ल्ड कप में खेलना शुरू किया तब इनके एवरेज 24.94 साल की थी। भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए से जीतना महत्वपूर्ण था। उस मैच के दौरान भारत लगातार हार की ओर तेजी से बढ़ रहा था तभी कपिल देव ने अपनी शानदार बैटिंग के मदद से भारत को हारने से बचा लिया। इसी मैच के दौरान उन्होंने 175 रन बनाए और जिम्बाब्बे को हरा दिया था, क्योंकि इन्हें सिर्फ 138 गेंदों में यह रन बनाए थे। जिसमें उन्होंने 22 बॉउंड्रीज, 16 चौके, 6 छक्के की मदद से यह रन बनाए थे। विकेट के लिए 126 रन की सबसे बड़ी साझेदारी किरमानी एवं कपिल देव के बीच हुई थी, जिसको 27 सालों तक किसी क्रिकेटर नहीं तोड़ पाए थे। इतना ही नहीं इस मैच में कपिल देव ने शानदार बॉलिंग करते हुए जिंबाब्वे के 5 विकेट लिए थे। वर्ल्ड कप जीतने के बाद कपिल देव को पुरस्कार के रूप में मर्सिडीज कार दिया गया। यही इनके जीवन का सबसे यादगार और महत्वपूर्ण खेल था। जिसने सबकी नजरों में कपिल देव को महान बना दिया था। इस मैच के बदौलत भारत को 1983 के वर्ल्ड कप जीतने के लिए अपना नया सफर तय किया था।

 1983 के विश्वकप के दौरान बीबीसी की हड़ताल के चलते इस मैच का टेलीकास्ट नहीं हो पाया था। इस मैच का मजा क्रिकेट प्रेमी नहीं उठा पाए थे। भारत को 1983 वर्ल्ड कप अपने नाम करने के लिए वेस्टइंडीज स्कोर फाइनल में हराना पड़ा था। भारत में कपिल देव की कप्तानी में 1983 में इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप को जीतकर इतिहास रचा था, कहा जाता है कि इस शानदार खेल के बाद भारत भी दुनिया क्रिकेट की दुनिया का स्टार बन गया। इस समय भारत को एक अलग लेवल पर देखा गया इतना ही नहीं भारत में अभी तक सभी तरह के ट्रॉफी जीत रखी है।
 

 कपिल देव के कोच बनने का सफर 


बीसीसीआई ने इन्हें भारत का कोच अप्वॉइंट किया लेकिन कुछ विवादों के चलते इन्हें मात्र 10 महीने में ही कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। ऑस्ट्रेलिया से भारत की 2-0 से सीरीज हारने के बाद इन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था। जिसके कारण इन्होंने बेबुनियाद आरोपों से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।  

 कपिल देव के पुरस्कार और उपलब्धियां 

 
  • साल 1979-80 के दौरान क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन के लिए इन्हें भारत सरकार की ओर से अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
  •  1982 के दौरान भारत में कपिल देव की प्रतिभा और लगन को देखकर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • 1983 में इन्हें सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें विश्वकप में अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया गया था। 1994 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इतना ही नहीं  टेस्ट क्रिकेट में 4000 रन पूरे करने वाले वर्ल्ड के टॉप खिलाड़ी में से एक हैं। 
  • साल 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। साल 2002 में भारतीय क्रिकेट की दुनिया में इनका दर्जा और बढ़ा दिया गया। 
  • साल 2010 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड  देकर इनकी प्रतिभा को महान और सम्मानीय दर्जा दिया गया।
  •  3 साल बाद 2013 में NDTV द्वारा भारत में सबसे महान महापुरुषों का खिताब देकर इन्हें सम्मानित किया गया। भारतीय सेना से जुड़ने के लिए कपिल देव ने साल 2008 में भारतीय सेना का पद ग्रहण किया।
  • भारतीय सेना के अधिक सम्मान के कारण इन्होंने कर्नल का पद ग्रहण किया था।
 


कपिल देव से जुड़े FAQ


 

 कपिल देव के पिता क्या व्यवसाय करते थे?

लकड़ी का व्यवसाय करते थे 

कपिल देव का जन्म कब हुआ था? 

6 जनवरी 1959
 

कपिल देव की बेटी का क्या नाम है ? 

अमिया देव 

कपिल देव की माता का नाम क्या है ?

राजकुमारी 

कपिल देव को और किस नाम से जाना जाता है?

हरियाणा तूफान

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More