Oil Exploration in Bihar: बक्सर और समस्तीपुर में तेल की खोज के लिए बिहार सरकार से ओएनजीसी ने मांगी अनुमति

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Sat, 04 Jun 2022 11:35 AM IST

बिहार के समस्तीपुर और बक्सर शहरों में पेट्रोलियम की खोज की जाएगी. इसके लिए ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) ने राज्य सरकार से बिहार में तेल की खोज के लिए अनुमति मांगी थी. बिहार सरकार ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है. ओएनजीसी ने पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (पीईएल) के लिए आवेदन किया था. राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद ओएनजीसी द्वारा इस दिशा में अन्य तमाम प्रक्रियाएँ बहुत जल्द पूरी कर ली जाएँगी. सारी फॉर्मेलिटीज के पूरी हो जाने के बाद बक्सर और समस्तीपुर जिलों के गंगा बेसिन जोन में तेल की खोज शुरु की जाएगी. केन्द्र सरकार को गंगा बेसिन में तेल भंडार के होने की पुख्ता जानकारी मिली है. इसी के बाद सरकार की तरफ से ओएनजीसी को आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया था. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

Source: Safalta

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छिपे हुए हैं तेल के पर्याप्त भंडार

ओएनजीसी, ओपेन फील्ड लाइसेंस पालिसी (ओएएलपी) के प्रावधान के तहत यह काम करने वाली है. इसके तहत समस्तीपुर में 308.32 वर्ग किलोमीटर के जोन में तथा  बक्सर में 52.32 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रों में तेल के खोज की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अनुमान है कि इन क्षेत्रों में तेल के पर्याप्त भंडार छिपे हुए हैं. ओएनजीसी ने बक्सर और समस्तीपुर दोनों ब्लॉकों के लिए आवेदन किया है.

जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (पीईएल) की अवधि चार वर्ष की है. ओएनजीसी की तरफ से तेल की खोज के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है. इस प्रक्रिया के लिए अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. इस क्रम में सबसे पहले टू-डी सिस्मिक सर्वे का काम किया जाएगा. इसके लिए अप टू डेट सिस्मिक डाटा के साथ अत्याधुनिक ज्योकेमिकल सर्वे का कार्य भी किया जाएगा. इस प्रारंभिक प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद जमीन के अंदर तेल भंडार को लेकर काम शुरू किया जाएगा. इसके बाद ग्रेवेटी मैग्नेटिक और मैग्नेटो टेलुरिक (एमटी) सर्वे का काम पूरा किया जाएगा. एमटी एक तरह का जियोफिजिकल तरीका है जिसके माध्यम से पृथ्वी के अंदर की गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार की जाती है.

पाए गए हैं पेट्रोलियम के निशान

ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन ने विस्तृत अन्वेषण की अनुमति लेने के लिए बिहार सरकार को एक आवेदन दिया है. बिहार की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कम माइंस कमिश्नर हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि ओएनजीसी ने बिहार के दो जिलों के अपने प्रारंभिक सर्वेक्षण में पेट्रोलियम के निशान पाए हैं.
 
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ओएनजीसी की रिपोर्ट में क्या है -

हरजोत कौर ने कहा कि ओएनजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के बक्सर और समस्तीपुर जिलों में गंगा बेसिन में पेट्रोलियम के निशान पाए गए हैं. इस जानकारी के बाद एजेंसी ने भारत सरकार और बिहार सरकार को सूचित किया तथा राज्य सरकार से दोनों जिलों में तेल भंडार की उपस्थिति का आकलन करने के लिए आगे की खोज के लिए अनुमति मांगी. एजेंसी ने राज्य को जियोग्राफिकल कोओर्डिनेट सिस्टम भी दी है जिसके तहत वे तेल भंडार का अन्वेषण करना चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि ओएनजीसी तेल की खोज करने वाली एकमात्र सरकारी एजेंसी है, इसलिए राज्य की ओर से उनके आवेदन पर हामी भर दी गयी है.

समस्तीपुर-बक्सर में जमीन के नीचे तेल

अधिकारियों के अनुसार ओएनजीसी ने दोनों जिलों समस्तीपुर तथा बक्सर में क्षेत्र की अनुसूची के साथ-साथ नक्शे की प्रतियां भी जमा कर दी हैं जहां पर एजेन्सी तेल की खोज करना चाहते हैं. इससे पहले 2009 में ओएनजीसी को बिहार के गंगा बेसिन क्षेत्र में तेल की खोज के लिए एक अनुबंध मिला था.
 

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तेल के साथ साथ जमीन के नीचे है सोने का भण्डार भी

तेल की खोज के साथ साथ केंद्र सरकार की तीन एजेंसियों ने जमुई जिले में सोने की खोज में भी रुचि दिखाई है. उल्लेखनीय है कि बिहार के डिपार्टमेंट ऑफ़ माइंस एंड जियोलॉजी को जमुई में सोने के भंडार की खोज करने के लिए नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएमडीसी), मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इन्डिया से प्रस्ताव मिले हैं. ज्ञातव्य हो कि बिहार के जमुई में सोने के भण्डार के होने की जानकारी मिली है.

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