Source: safalta
नेजल वैक्सीन के बारे में
आपको बता दें कि नेजल वैक्सीन एक बूस्टर डोज की तरह लगाया जाएगा। भारत बायोटेक के इस नेजल वैक्सीन का नाम INCOVACC है इस वैक्सीन को भारत बायोटेक एवं अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाया गया है। यह 3 फेस के ट्रायल में असरदार साबित हुई है। यही कारण है कि कोरोनावायरस वैक्सीन के खतरे के बीच इसे अब कोविड पोर्टल में शामिल किया जाएगा।Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with an exciting prize
कैसे किया जाएगा नेजल वेक्शन वैक्सीन का इस्तेमाल
वैक्सीन की बात होती है तो दिमाग में एक ऐसी तस्वीर बनती है कि बांह (बाजू) या फिर शरीर के किसी अन्य हिस्से में इंजेक्शन के माध्यम से लगाई जाएगी, लेकिन इनको हाथ या शरीर के अन्य हिस्सों में लगाए जाने के बजाय नाक से दिया जाएगा। अभी तक जितने भी रिसर्च हुए हैं उनमें यह बात सामने आई है कि कोरोनावायरस नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में अगर नाक में वैक्सीन को दिया जाएगा तो यह ज्यादा असरदार साबित होगा।अन्य वैक्सीन के मुकाबले कितना असरदार है
नेजल वैक्सीन कोरोनावायरस भारत बायोटेक के द्वारा निर्मित इस वैक्सीन का तीन बार ट्रायल किया गया है। इस वैक्सीन की खास बात यह है कि यह तीनों ट्रायल में सफल हुई है। पहले फेस के ट्रायल में 175 एवं दूसरे फेस में 200 लोगों को शामिल किया गया था। जिसके बाद तीसरे फेज में 2 ट्रायल हुए थे पहले में 3100 और दूसरे में 875 लोगों पर अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया गया था। 1 में से 2 डोज वाली वैक्सीन की तरह और दूसरे में बूस्टर डोज की तरह दिया जाता है।रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी
भारत बायोटेक ने वैक्सीन के ट्रायल के बाद इस बात का दावा किया है कि यह असरदार है और आपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाप आपकी रोग प्रतिरोदक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करने के लिए आप मजबूत होगी ताकि आप जल्द से जल्द कोविड से रिकवर कर सकती है। कोरोनावायरस के माध्यम से शरीर में जाती है यह वैक्सीन आपको आपके ब्लड में और आपकी नाक में प्रोटीन बनाने का काम करती है ताकि आप आसानी से वायरस से लड़ सके। इसका असर आपके बॉडी में लगभग 2 हफ्ते बाद शुरू होता है।