स्टेनफोर्ड संशोधन 1937 के बारे में जानकारी Stanford Amendment of 1937

Safalta experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 11 Sep 2021 03:40 PM IST

Source: NA

सन 1937 में टरमन ने मैरिल के सहयोग से सन 1916 के स्केल का संशोधन पुन: किया व इसे टरमान - मैरिल नवीन संशोधन स्टेनफोर्ड परीक्षण नाम दिया। यह परीक्षण दो भागों L व M में बांटा गया।
इस परीक्षण में 129 पदों को स्थान दिया गया। मुख्य रूप से इस परीक्षण का प्रयोग 5 - 14 वर्ष तक की आयु वाले बालकों के लिए किया जाता है। वास्तविक आयु की गणना के लिए नई विधि का प्रयोग किया गया । 13 से 16 वर्ष के मध्य की आयु 13 वर्ष माध्यम लेकर उसके ऊपर की अतिरिक्त आयु का 2/3 भाग जोड़ दिया जाता है। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

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सन 1939 के वैशलर स्केल :  1937 का स्टेनफोर्ड संशोधन व्यस्को के लिए नहीं था। इस काल में व्यस्कों के बुद्धि मापन के लिए बुद्धि परीक्षणों की आवश्यकता अनुभव की गई है । अत: सन 1939 में व्यस्कों के लिए बुद्धि परीक्षण का निर्माण एवं प्रमाणीकरण किया गया। इसे सन 1955 में पुन: संशोधित किया गया और इसे Waiswechsler Intelligence Scale नाम दिया गया। 
 
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बेसल आयु : बेसल आयु बालक - बालिकाओं के बुद्धि के मूल्यांकन के लिए प्रयुक्त किया जाता है, जो विभिन्न शैक्षिक समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। बेसल उम्र मानकीकृत एक परीक्षण पर मानसिक उम्र के उच्चतम स्तर का प्रतिनिधित्व करना है जिसके नीचे के उम्र में माना जा सकता है कि इसमें सभी  आइटम का सही ढंग से जवाब दिया जाएगा । बेसल उम्र व बेसल स्कोर को सामान्यत: एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है।