समय की गति सबसे प्रबल है. समय की गति और शक्ति को बाँध पाना असम्भव है. परन्तु साहित्य में वह क्षमता होती है कि वह समय को भी अपने पन्नों में कैद कर लेता है. हर युग हर काल में साहित्यकारों ने समसामयिक घटनाओं को अपनी किताबों में उकेरा है जो सदियों बरसों बाद भी उस घटना का सबूत देते हैं. इतिहास आदि विषय तो फिर भी कई बार ऊब पैदा कर सकते हैं परन्तु साहित्य एक ऐसी चीज है जो सदियों बरसों बाद तक भी अपने पाठकों को अपनी सजीव, सरस और रसमय अभिव्यक्तियों से भाव विभोर कर देता है. आइए आज प्राचीन भारत (Ancient India) के कुछ ऐसी हीं साहित्यिक पुस्तकों और उनके रचनाकारों की बात करते हैं जो अपने युग, अपने समाज और तात्कालिक जीवन के सजीव प्रतिबिम्ब माने जाते हैं. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं
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- कालिदास – मेघदूत, मालविकाग्निमित्र, अभिज्ञानशाकुन्तल, कुमारसंभव, ऋतुसंहार, रघुवंश.
- पतंजलि – योग सूत्र, महाभाष्य.
- वेद व्यास – वेदान्त सूत्र.
- कपिल – सांख्य सूत्र.
- बिल्हण – विक्रमांकदेवचरित.
- भतृहरी - वैराग्य शतक, नीतिशतक, श्रृंगारशतक.
- कल्हण – राज तरंगिनी (कश्मीर का इतिहास)
- जैमिनी – मीमांसासूत्र.
- जयदेव – गीत गोविन्द.
- वाणभट्ट – कादम्बरी, हर्षचरित.
- वात्स्यायन – कामसूत्र.
- जीमूतवाहन – दायभाग.
- ह्वेन्त्सांग – सी यू की.
- भरत मुनि - नाट्यशास्त्र.
- चरक – चरक संहिता (चिकित्सा शास्त्र).
- अश्वघोष – सुत्रालंकार, बुद्धिचरित, सौंदरानन्द, सारिपुत्र प्रकरण.
- सुश्रुत – सुश्रुत संहिता (चिकित्सा शास्त्र).
- भास – स्वप्नावासवदत्ता.
- विज्ञानेश्वर – मिताक्षरा.
- विष्णु शर्मा – पंचतन्त्र.
- सोमदेव – कथासरितसागर.
- वराहमिहिर – वृहत संहिता.
- विशाख दत्त – मुद्राराक्षस, देवीचन्द्रगुप्त.
- भवभूति – महावीरचरित, मालती माधव, उत्तर रामचरित.
- पाणिनि – अष्टाध्यायी.
- नारायण भट्ट – हितोपदेश.
- तिरवल्लुवर – कुरल, तिरक्कुरल.
- दंडी – दशकुमार चरित, काव्यादर्श.
- कामंदक – नीतिसार.
- यास्क – निरुक्त.
- मेरुतुंग – प्रबंध चिंतामणि.
- भामह – काव्यालंकार.
- भोजराज – सरस्वतीकंठाभरण.
- कणाद – वैशेषिक सूत्र.
- मेगस्थनीज – इन्डिका.
- प्लिनी – नेचुरल हिस्ट्री.
- हर्षवर्धन – रत्नावली, प्रियदर्शिका, नागानन्द.
- नागार्जुन – मध्यमिका सूत्रकारिका, प्रज्ञापारमिता सूत्र, अष्टसाहश्त्रिक सूत्र.
- राजशेखर – काव्य मीमांसा, कर्पूर मंजरी.
- अक्षपाद गौतम – न्याय सूत्र.
- भामह – काव्यालंकार.
- हाल – गाथा सप्तशती.
- प्रवर सेन – सेतुबन्ध.
- सारंग देव – संगीत रत्नाकर.
- शुक्र – शुक्र नीति सार.
- वाल्मीकि – रामायण.
- चाणक्य – अर्थशास्त्र.
- पृथ्वीराज रासो – कल्हण.
- शूद्रक – मृच्छकटिकम.
- सोमेश्वर – रसमाला, कीर्ति कौमुदी.
- कल्हण - राजतरंगिनी.
- सुबंधु – वासवदत्ता.
- माघ – शिशुपाल वध.
- मुरारि – अनर्घराघव.
- आर्यभट्ट – सूर्य सिद्धांत.
- राजा भोज – आयुर्वेद सर्वस्व, राजमार्तण्ड, व्यवहार समुच्चय, शब्दानुशासन, राजमृगिका, युक्तिकल्पतरु.