बाप घर के दरख़्त होते हैं..
सच है कि एक पिता हीं परिवार के इमारत की मुक्कमल नींव होते हैं. ''पिता'' यानि वह मज़बूत शख्शियत जिसकी स्नेह भरी सक्षम हथेलियों का एक वरद स्पर्श अपने मस्तक पर पाकर हमारी सारी की सारी चिंताएं काफूर हो जातीं हैं. ''पिता'' यानि सुरक्षा, संस्कार और अनुशासन का वह घना वटवृक्ष जिसकी सघन छाँव के तले पल कर संतान का बचपन फलता, फूलता और निखरता है. ''पिता'' जिसका सारा समय इस फ़िक्र के साथ गुजरता है कि उसके संतानों की परवरिश में, कहीं कोई कमी न रह जाय. हाँ, पिता अपनी भावनाओं को, अपनी संवेदनात्मक चेष्टाओं को व्यक्त नहीं करता, वह अपनी पीड़ाओं के पृष्ठों को अपनी संतानों के समक्ष नहीं पलटता, पिता अपनी आँखों से आँसू नहीं बहने देता .. क्योंकि ऐसा करके वह अपनी संतानों में निर्बलता, उद्विग्नता या आशंका का भाव नहीं पनपने देना चाहता. परन्तु पिता के हिमालय के समान कठोर व्यक्तित्व के पीछे अपनी संतान के लिए स्नेह और जिम्मेदारियों से भरी अनेक हिम नदियाँ अनवरत प्रवाहमान रहती हैं. FREE GK EBook- Download Now.
पितृत्व धर्म की महत्ता -
विश्व के हर कोने में पितृत्व धर्म की महत्ता एवं गौरव को व्यापक रूप से आदर प्राप्त है. पिता द्वारा मिलने वाली परवरिश की गरिमा को सम्मान देने के लिए विश्व के अनेक देशों में ''पितृत्व दिवस'' अथवा ''फादर्स डे'' एक उत्सव के रूप में किसी न किसी निश्चित दिन को पूरी निष्ठा के साथ मनाने का चलन है.
कब हुई मनाने की शुरुआत -
इसे मनाने की शुरुआत पश्चिम वर्जिनिया के फेयरमोंट में 5 जुलाई 1908 को हुई थी. इसे मनाये जाने से जुड़ी एक घटना है, जिसके बारे में कहा जाता है कि सोनोरा स्मार्ट नाम की एक महिला थी. जब वह छोटी थी तभी उसकी माँ का देहांत हो गया था. उसके पिता ने अकेले हीं अपने 6 बच्चों का पालन पोषण किया. समय के साथ सोनोरा स्मार्ट के पिता की भी मृत्यु हो गयी. सोनोरा स्मार्ट के पिता का नाम विलियम स्मार्ट था. एक बार जब सोनोरा मदर्स डे के दिन चर्च में प्रार्थना कर रही थी तभी उसके मन में यह ख्याल आया कि एक दिन ऐसा भी तो होना चाहिए जोकि पिता को समर्पित हो. फादर्स डे मनाने के इस ख्याल को सोनोरा ने 3 जून को अपने पिता के जन्म दिवस पर अमल में लाने का फैसला किया, और इसके लिए प्रस्ताव एक दिया. सोनोरा के प्रस्ताव को माना तो गया परन्तु इस दिन यानि फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने का निर्णय लिया गया. आज यह दिवस यूनाईटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका,सिंगापूर,फिलीपींस, जापान और भारत में जून के तीसरे रविवार को, अस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में सितम्बर के पहले रविवार को, रोमानिया में मई के दूसरे रविवार को, थाईलैंड में 5 सितम्बर, ताईवान में 8 अगस्त, सेशेल्स में 16 जून और नेपाल में 23 अगस्त को पूरी गरिमा के साथ मनाया जाता है.
भारत में पितृत्व दिवस का इतिहास -
भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में अनादि काल से पितृत्व धर्म की मर्यादा को सम्मान प्राप्त है. भाद्रपद महीने (अगस्त के अन्त या सितम्बर के शुरूआती दिन) के कृष्ण पक्ष के पंद्रह दिन जब सूर्य दक्षिणायन होता है, तब अमावस्या तिथि को हिन्दू पूजा में वृहत्तर रूप से मान्य पितरों को पूजा दी जाती है. देखा जाय तो भारत का यह पितृत्व को सम्मान देने का सबसे प्राचीन पर्व प्रतीत होता है इस लिहाज़ से पश्चिम में प्रचलित फादर्स डे जैसे उत्सव की उपस्थिति हमारे समाज में काफी पहले से मौजूद है..May Month Current Affairs Magazine- DOWNLOAD |
आधिकारिक मान्यता -
पूरी दुनिया में फादर्स डे अधिकतर जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत कब हुई इस बारे में कहा जाता है कि सबसे पहले इसे 19 जून 1910 में वाशिगटन में मनाया गया था. जहाँ तक इसकी आधिकारिक मान्यता की बात है तो यह मान्यता इसे वर्ष 1972 में मिली जब यूनाईटेड स्टेट ने इस दिन के लिए पूरे देश में होली डे की घोषणा की.
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भारत में फादर्स डे 2022 -
भारत में यह जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. इस साल भारत में फादर्स डे 17 जून को मनाया जाएगा.देश | फादर्स डे कब मनाते हैं |
यूनाईटेड किंगडम | जून के तीसरे रविवार को |
सिंगापूर | जून के तीसरे रविवार को |
फिलीपींस | जून के तीसरे रविवार को |
जापान | जून के तीसरे रविवार को |
भारत | जून के तीसरे रविवार को |
अस्ट्रेलिया | सितम्बर के पहले रविवार को, |
न्यूजीलैंड | सितम्बर के पहले रविवार को, |
रोमानिया | मई के दूसरे रविवार को |
थाईलैंड | 5 सितम्बर |
ताईवान | 8 अगस्त |
सेशेल्स | 16 जून |
नेपाल | 23 अगस्त |