Know How to Identify Fake Websites, जानिए फर्जी वेबसाइट को पहचानने के तरीके

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Fri, 09 Sep 2022 11:23 PM IST

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आज हम में से ज्यादातर लोगों को किसी भी तरह का डेटा ट्रान्सफर या रिसीव करना हो, ऑनलाइन खरीददारी करनी हो या कि अपने वेरिफिकेशन के लिए अपना पर्सनल इनफार्मेशन जैसे कि पैनकार्ड, आधार कार्ड आदि के डिटेल्स अपलोड करना हो हम सभी यह काम ऑनलाइन हीं करते हैं. जरा सोचिए ऐसे में अगर कहीं ये वेबसाइट नकली निकल जाए तो आपके साथ कितनी बड़ी धोखाधड़ी हो सकती है.

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कोरोना महामारी ने हम सबको अपने ज्यादातर काम ऑनलाइन करना सिखा दिया. आज हम में से ज्यादातर लोगों को किसी भी तरह का डेटा ट्रान्सफर या रिसीव करना हो, ऑनलाइन खरीददारी करनी हो या कि अपने वेरिफिकेशन के लिए अपना पर्सनल इनफार्मेशन जैसे कि पैनकार्ड, आधार कार्ड आदि के डिटेल्स अपलोड करना हो हम सभी यह काम ऑनलाइन हीं करते हैं. जरा सोचिए ऐसे में अगर कहीं ये वेबसाइट नकली निकल जाए तो आपके साथ कितनी बड़ी धोखाधड़ी हो सकती है. तो दोस्तों ऐसी सिचुएशन में हमें इस बात की जानकारी होनी बहुत हीं जरुरी है कि हम जिस वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं वह असली है या कि नकली. तो आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि वेबसाइट की प्रामाणिकता की जाँच आप कैसे कर सकते हैं ताकि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी से अपना बचाव कर सकें. September Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW 


कनेक्शन टाइप चेक करें

यानि कि अपना वेब एड्रेस जाँच लें. आपको यह ध्यान देना चाहिए कि आपका कनेक्शन टाइप HTTP है या फिर HTTPS ? आपका कनेक्शन टाइप HTTP है तो इसका मतलब है कि आपके डिमाण्ड पर कनेक्शन तो स्टेबलिश हो गया है परन्तु ये कनेक्शन सिक्योर नहीं है. जबकि HTTPS आपको एक एन्क्रिप्टेड कनेक्शन स्टेबलिश करके देता है. जिसका मतलब है कि आपका कनेक्शन पूरी तरह सिक्योर है. HTTPS आपको एन्क्रिप्टेड कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए SSL यानि कि सिक्योर सॉकेट लेयर का उपयोग करके आपके कनेक्शन को एन्क्रिप्ट कर देता है. यानि कि आपका डेटा एन्क्रिप्ट हो जाएगा और यह आपके और रिसीवर पार्टी के बीच हीं रहेगा. यानि कि आप दोनों के अलावा इसे कोई भी थर्ड पार्टी या कोई भी ठग रीड नहीं कर सकता है. इसलिए दोस्तों जब भी आप कोई साईट खोलें तो उसका वेब एड्रेस जरुर जाँच लें कि कनेक्शन टाइप HTTP है या फिर HTTPS ?


URL को चेक करें

URL की जाँच करके भी आप वेब साईट्स के विश्वसनीयता की जाँच कर सकते हैं. कई बार ये फर्जी वेबसाइट असली वेबसाइट से बेहद हीं मिलती जुलती वेबसाइट बना लेते हैं, जिसमें इतना महीन फर्क होता है कि जल्दी पकड़ में हीं नहीं आता. इसलिए बेहद हीं जरुरी है कि आप वेब एड्रेस को बहुत हीं बारीकी से चेक करें. अगर आपको इसमें किसी भी प्रकार की स्पेलिंग की गड़बड़ी या कोई अतिरिक्त शब्द या फिर कोई फ़ालतू सिम्बल दिखाई दे तो यह वेबसाइट नकली हो सकता है और सम्भावना है कि ठग आपका डेटा चुराने की कोशिश कर रहा है.
 

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पैड लॉक

तीसरा तरीका है पैड लॉक. इसके द्वारा भी आप वेबसाइट की सिक्योरिटी की जाँच सकते हैं. वेबसाइट के ऊपरी भाग में आपको साईड लॉक आइटम दिखेगा इस पर आपको क्लिक करना है. यहाँ पर आपको वेबसाइट से सम्बन्धित बहुत सी जानकारियाँ मिल जाएगी. यहाँ से आप जान सकते हैं कि वेबसाइट सिक्योर है या नहीं है तथा वेबसाइट कितनी कुकीज का इस्तेमाल कर रही है.


वेबसाइट का कंटेंट

अगर वेबसाइट असली है तो उसके कॉन्टेक्ट और फोटोज हमेशा अच्छी क्वालिटी के होंगे. फर्जी ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए दी गई कॉन्टेक्ट इंफॉर्मेशन आपको देख कर हीं अनप्रोफेशनल लग जाएगी. इसलिए वेबसाइट के कंटेंट को ध्यान से देखे जाने की जरुरत है. फर्जी वेबसाइट पर आपको अनप्रोफेशनल डिजाइन और लोगो देख कर हीं नकली सा लग जाएगा.
 
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गूगल की मदद

वेबसाइट असली है या फर्जी इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि आप गूगल की हेल्प लें. गूगल ऐसे धोखेबाज वेबसाइट के बारे में आपको तुरंत बता देगा. आइए जानते हैं कैसे -
सेफ ब्राउज़िंग साईट स्टेटस (Safe Browsing Site Status) में गूगल सेफ ब्राउज़िंग ट्रांसपैरेन्सी रिपोर्ट का प्रयोग करके आप असली या फर्जी वेबसाइट का पता लगा सकते हैं. गूगल सेफ ब्राउज़िंग ट्रांसपैरेन्सी रिपोर्ट (Google Safe Browsing Transparency Report) में जाकर आप वेबसाइट के URL को पेस्ट करें. गूगल इसे स्कैन करके बता देगा कि वेबसाइट असली है या फिर फर्जी.
 

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