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लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा साल 2007 में की गई थी. योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में बालिका के जन्म के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण में बदलाव लाना और मुख्य रूप से बालिकाओं के शैक्षणिक, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और लिंगानुपात की स्थिति में सुधार करना है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं
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कब लॉन्च किया गया
योजना की शुरुआत 2 मई, साल 2007 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गयी थी. जिसके बाद इसे दिल्ली, गोवा, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी लागू किया गया. इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के गरीब परिवार की उन बेटियों को प्रदान किया जाता है जिनका जन्म 1 अप्रैल 2008 के बाद हुआ है और जिनका परिवार आयकरदाताओं की श्रेणी में नहीं आता है.
अगर आप भी बेटी के अभिभावक हैं तो लाडली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपए (1.50 लाख) का लाभ उठा सकते हैं. तो आइए जानते हैं लाडली लक्ष्मी योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ.
- यह राशि बालिकाओं को किस्त के रूप में दिया जाता है. आइए जानते हैं कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत बालिकाओं को कब और कितने किस्तों में राशि दी जाती है.
- लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत लड़की के नाम से पंजीकरण के समय से लेकर लगातार पांच सालों तक 6-6 हजार रुपए मध्य प्रदेश लाडली लक्ष्मी योजना निधि में जमा किए जाते हैं.
- यानि कि लाडली लक्ष्मी योजना के तहत पहले 5 वर्षों में एक बालिका को 30000/-रुपार की राशि मिलती है.
- योजना के नियम के अनुसार बालिका जब छठी कक्षा में प्रवेश लेती है तब उसे सरकार द्वारा 2000/-रूपए की राशि प्रदान की जाती है.
- नवीं कक्षा में प्रवेश के समय लाडली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत बालिका को 4000/-रूपए दिए जाते हैं.
- पुनः 11वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर बालिका को 6000/-रूपए की राशि प्रदान की जाती है.
- और 12वीं कक्षा में प्रवेश के समय बालिका को एक बार फिर से 6000/-रूपए की राशि प्रदान की जाती है.
- लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत सरकार द्वारा 100000/-रूपए का अंतिम भुगतान बालिका को 21 वर्ष की होने पर किया जाता है.
परन्तु इस भुगतान के लिए सरकार की तरफ से कुछ शर्तें हैं. आइए जानते हैं क्या हैं शर्तें -
- लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत सरकार द्वारा 100000/-रूपए के भुगतान के लिए पहली शर्त है कि बालिका को कक्षा 12वीं में अध्ययनरत होना चाहिए.
- तथा इसके लिए दूसरी शर्त है कि बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पहले नहीं होना चाहिए.
- अगर कोई बालिका उपरोक्त शर्तों को पूर्ण नहीं करती है तो फिर उसे 100000/-रूपए की राशि नहीं दी जा सकती है.
- जो परिवार लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत रजिस्टर्ड होते हैं सरकार उन्हें लड़की की शिक्षा के लिए उपरोक्त आवश्यक राशि किस्तों के रूप में प्रदान करती है.
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लाडली लक्ष्मी योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- कन्या का जन्म प्रमाण पत्र
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- माता पिता के साथ बालिका की फ़ोटो
- परिवार नियोजन का प्रमाण पत्र (परिवार में द्वितीय कन्या होने की स्थिति में)
- आंगनवाड़ी केंद्र में बालिका का रजिस्ट्रेशन नम्बर तथा टीकाकरण की जानकारी मेंशन करनी होगी.
- बैंक के पास बुक की फोटोकॉपी
- मोबाईल नंबर
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लाडली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की कन्याओं को आर्थिक सहायता प्रदान करवाना है ताकि उनकी शिक्षा तथा स्वास्थ्य के स्तर में इम्प्रूवमेंट लाया जा सके. इसी के साथ कन्याओं के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करना तथा राज्य मे लिंग अनुपात के दर में सुधार करना भी है. लाडली लक्ष्मी योजना की सहायता से आर्थिक मदद हासिल कर बालिकाएँ बिना किसी पर बोझ बने समाज में अपने आप को साबित कर सकती हैं.