मिलिए इस शख्स से जिसने 47 साल की उम्र में फतेह किया 11000 फीट की ऊंचाई पर 21 किमी लंबा लद्दाख हॉफ मैराथन

Safalta Expert Published by: Nikesh Kumar Updated Fri, 16 Sep 2022 12:55 PM IST

Source: safalta

कहते हैं, “उम्र तो एक नंबर मात्र है,सफलता पाने के लिए केवल कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय की जरूरत होती है”। इंसान यदि एक बार निश्चय कर ले तो उसके लिए दुनिया के किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना कठिन नहीं होता है।
मानव यदि अपनी चेतना को जागृत करे और स्वयं की असीमित क्षमताओं को पहचाने तो वह निश्चित तौर पर दुनिया को चौकानें वाले करिश्मे कर सकता है। 

अक्सर आपने इस तरह के मानवीय करिश्मों की अनेकों कहानियां सुन रखी होंगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी आपको आपकी क्षमताओं को पहचानने में सहायता करेगी और आप अपने लक्ष्य की ओर और अधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने लगेंगे। एक व्यक्ति की कहानी जिसने इन सभी मानवीय बाधाओं को पार करते हुए मानव चेतना और उसकी अपार क्षमताओं को सिद्ध किया है। 

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उम्र नहीं साहस और श्रम की मोहताज होती है कामयाबी

आमतौर पर एक सामन्य व्यक्ति के लिए 7000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर सुचारू रूप से सांस ले पाना कठिन होता है। जो लोग कभी छुट्टियां बिताने लेह लद्दाख जैसे क्षेत्रों में गए होंगे, वो इस बात को अधिन नजदीकी से समझ सकेंगे। क्योंकि ऐसी जगहों में निश्चित तौर पर सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 

ऐसा अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण होता है। वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार समुंद्र तल से 7000 फीट या उससे अधिक उंचाई पर जाने के बाद वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है, जिसके कारण हमें सुचारू रूप से सांस लेने में कठिनाई आती है। यह समस्या अधिक उम्र के लोगों के लिए और बड़ी हो जाती है। 

लेकिन 47 वर्षीय शाजन (चीफ रेवेन्यू ऑफिसर सफलता डॉट कॉम) ने 12 सितंबर को अपने लॉन्ग डिस्टैंस रनिंग के करियर में एक और अध्याय जोड़ दिया। उन्होंने 11000 फीट की उंचाई पर 50 फीसदी से भी कम ऑक्सीजन में लद्दाख हॉफ मैराथन को पूरा किया। इस दौरान उन्होंने 2 घंटे और 11 मिनट में कुल 21 किमी लम्बी दौड़ लगाई।  CHIEF REVENUE OFFICER AT SAFALTA

जहां इतनी ऊंचाई पर किसी भी सामान्य और कम उम्र के व्यक्ति के लिए सुचारू रूप से सांस लेना और चल पाना ही कठिन है, वहां शाजन ने 47 वर्ष की आयु में ये कारनामा कर दिखाया। इससे पहले साल 2019 में शाजन 42.195 किमी लंबी दौड़ मारते हुए लद्दाख मैराथन को पूरा फतह कर चुके हैं।

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जीतने के लिए कभी हार ना मानने वाला जज़्बा जरूरी है 

जीवन में सफल होने के लिए व्यक्ति को कभी हार ना मानने वाला व्यक्तित्व पैदा करना बेहद जरूरी है। हरिवंशराय बच्चन की वह पंक्तियां तो आपको याद ही होंगी, “असफलता एक चुनौती है इसे तुम स्वीकार करो, क्या कमी रह गई है देखो और सुधार करो”। 

यानी बार-बार गिर कर हर बार खड़े होने वाले लोग ही करिश्मा करते हैं। अपने संकल्प को केवल अपनी मेहनत के दम पर पूरा करने वाले लोग ही इतिहास रचते हैं। शाजन की भी यह पूरी यात्रा कई चुनौतियों से भरी रही है। लेकिन उन्होंने जीतने का जज्बा हमेशा बनाए रखा। 

शायद यही वजह है कि आज शाजन ने अपनी मेहनत के दम पर लॉन्ग डिस्टैंस रनिंग में अपार सफलताएं प्राप्त कर ली हैं। उन्होंने अनेकों बार 100 किमी लंबी मैराथन को पूरा किया है। कई बार वह 12, 24 और 36 घंटे की स्टेडियम रन भी पूरी कर चुके हैं। 

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज 47 की वर्ष की उम्र में देश के युवाओं के लिए फिटनेस के प्रेरणा स्रोत बने शाजन एक वक्त 100 मीटर भी नहीं दौड़ पाते थे और हांफने लगते थे। उस दौरान उनका वजन 100 किलो हुआ करता था और शरीर शिथिल था। लेकिन शाजन ने फिट रहने का संकल्प लिया और मात्र 6 महीने में 30 किलो से ज्यादा वजन घटाया। आज शाजन ने अपनी मेहनत और कामयाबी के दम पर फिटनेस के नए आयाम तय किए हैं।