प्रियंका, जिन्होंने 2013 में माउंट एवरेस्ट, उन्होंने 21 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट फतह किया, जिससे वह ऐसा करने वाली तीसरी सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बन गईं। माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है, 16 अप्रैल 2021 को अन्नपूर्णा पर्वत पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बनीं दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ है। ऐसे कितने हैं कीर्तिमान प्रियंका अपने नाम किए हैं। 16 मार्च 2022 को सफलता टॉक के एक इंटरव्यू में प्रियंका ने अपने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई और उनके जीवन के प्रत्येक कीर्तिमान हो को हासिल करने में कोई कठिनाई के साथ-साथ अपने अनुभव को हजारों अभ्यर्थियों के साथ साझा किया अपने बल पर अपना और अपने देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली प्रियंका 27 वर्ष की पर्वतारोही है। चलिए जानते हैं प्रियंका ने इस इंटरव्यू के दौरान भारत के युवाओं को क्या-क्या प्रेरणा की बातें बताइ।
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प्रियंका ने कैसे शुरू की ट्रेकिंग और पर्वतारोहण
प्रियंका महाराष्ट्र के एक छोटे शहर सतारा की रहने वाली है, प्रियंका ने मराठा वॉरियर्स से प्रेरणा लेते हुए ट्रैकिंग और
पर्वतारोहण शुरू किया था। प्रियंका ने ट्रैकिंग की शुरुआत महाराष्ट्र के अलग-अलग किले पर ट्रैकिंग करके की थी। जिससे उन्हें अपनी कमियों को ठीक करने का मौका मिलता था और ट्रैकिंग के बारे में समझने में आसानी होती थी। प्रियंका के अंकल ने उन्हें एक प्रोफेशनल टीम ज्वाइन करने की सलाह दी थी, जिससे उन्हें ट्रैकिंग के दौरान डिसिप्लिन के बारे में पता चल सके। इसके बाद प्रियंका ने सितारा में एक यात्री ट्रैकिंग एसोसिएशन को ज्वाइन किया। यात्री ट्रैकिंग एसोसिएशन ज्वाइन करने के बाद प्रियंका के स्कूल की टीचर जो यात्री ट्रैकिंग एसोसिएशन को चलाते थे उन्होंने प्रियंका के माता-पिता से बात की और उन्हें कहा कि प्रियंका की रूचि ट्रैकिंग में अधिक है और और प्रियंका का गोल माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करना है। 12वीं कक्षा को पास करने के बाद प्रियंका ने बेसिक माउंटेन इन कोर्स को किया और तब से उनकी जर्नी शुरू हुई।
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ट्रेकिंग के साथ-साथ प्रियंका ने शुरु रखी अपनी पढ़ाई
12वीं पास करने के बाद प्रियंका ने माउंट ट्रेनिंग कोर्स में एडमिशन लिया, प्रियंका ने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद एमएससी इन बायो टेक्नोलॉजी की डिग्री पूरी करी। प्रियंका अभी बेंगलुरु में स्थित एक फार्मा कंपनी में साइंटिस्ट के रूप में कार्य करती है। उन्होंने ट्रेकिंग के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी पूरा किया, क्योंकि साइंस विषय में उनकी खास रूचि है और ट्रैकिंग उनका पैशन है। अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ही प्रियंका ने ट्रैकिंग और पढ़ाई को बैलेंस करना सीख लिया थाजिस वजह से उन्हें ज्यादा कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। वर्तमान में भी प्रियंका जॉब के साथ-साथ ट्रैकिंग को बैलेंस करके चलती है।
माउंट एवरेस्ट की प्रिपरेशन के लिए प्रियंका ने क्या-क्या किया
2012 में प्रियंका का जब माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए सलेक्शन हुआ था, तब वह हिमालय माउंटेन इन इंस्टिट्यूटहिमालय माउंटेन इन इंस्टिट्यूट में प्रियंका ने 15 दिनों में दो क्लाइंबिंग की थी गई थी। हिमालय माउंटेन इन इंस्टिट्यूट में प्रियंका ने 15 दिनों में दो क्लाइंबिंग की थी तब जाकर उनका सिलेक्शन माउंट एवरेस्ट की टीम में हुआ था। सिलेक्शन कैंप के समाप्त होने के बाद माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई से पहले प्रियंका को 6 महीने का समय मिला क्योंकि वह उस वक्त मेंटली फिट थी लेकिन उनको माउंट एवरेस्ट जैसी कठिन चढ़ाई के लिए फिजिकली फिट भी होना था। इस 6 महीने के समय में प्रियंका ने अपने स्टैमिना को बढ़ाने के लिए रोजाना 6 से 7 किलोमीटर रनिंग शुरू कीऔर ज्यादा समय तक अपनी पीठ पर वजन रखने की तैयारी भी शुरू कर दी। मेंटल स्ट्रैंथ को बढ़ाने के लिए प्रियंका ने योगा का सहारा लिया। इस 6 महीने की कठिन ट्रेनिंग के दौरान भी प्रियंका ने अपना कॉलेज जाना नहीं छोड़ा और ट्रेनिंग के साथ-साथ पढ़ाई को भी मैनेज किया।
इन चोटियों पर भी कर चुकी है प्रियंका चढ़ाई
प्रियंका मोहिते साल 2013 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट, साल 2018 में माउंट ल्होत्से, 2016 में माउंट मकालू और माउंट किलिमंजारो पर भी सफलतापूर्वकर चढ़ाई कर चुकी हैं. माउंट अन्नपूर्णा ने दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू पर चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी है।