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सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज का डिअरनेस अलाउंस समय-समय पर केंद्र सरकार के द्वारा बढ़ाया जाता है. डिअरनेस अलाउंस बढाये जाने से पहले पटेल को 1, 12,500/-रूपए की बेसिक सैलरी और अन्य भत्तों के तहत 7000/-रूपए मिलते थे. इस प्रकार उनका कुल मासिक वेतन 2, 09,500/-रूपए होता था. अगर बेसिक पे में बढ़ोत्तरी की बात करी जाए तो उर्जित पटेल का नया वेतन 3.70/- लाख रूपए हुआ. हालांकि, इस बढ़ोतरी के बाद भी गवर्नर और डिप्टी गवर्नर की सैलरी दूसरे बड़े बैंकों (जो आरबीआई के नियमों के अनुसार काम करते हैं) के टॉप एग्जीक्यूटिव की तुलना में काफी कम है.
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वेतन में नया संशोधन -
इसके बाद की जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर्स के बेसिक पे में संशोधन किया गया है (यह जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) के तहत सेंट्रल बैंक ने वित्त मंत्रालय की ओर से 21 फरवरी को दी गई) लेकिन सेंट्रल बैंक की तरफ से ये नहीं बताया गया कि सैलरी कितनी बढ़ाई गई है. तो इसलिए हम पुराने वेतनमान के आधार पर आरबीआई गवर्नर के वर्तमान वेतन के बारे में अंदाजा लगाने की कोशिश करते हैं. और ये भी कि मूल वेतन के साथ आरबीआई गवर्नर को किस प्रकार की सुविधाएं और खर्चों की प्रतिपूर्ति दी जाती है.
वेतन और बेनेफिट्स -
आरबीआई गवर्नर क्लास 1 ग्रुप ऑफिसर होते हैं और उन्हें मिलने वाले वेतन में निम्नलिखित बेनेफिट्स भी शामिल होते हैं -
1. बेसिक पे या मूल वेतन - 90,000/- रूपए एनुअल इन्क्रीमेंट (वार्षिक वेतन वृद्धि) 1,600/-रूपए.
2. ग्रेड अलाउंस - 10,000/-रूपए.
3. मंथली रीइम्बर्समेंट -
*. शैक्षणिक या एजुकेशनल रीइम्बर्समेंट - 2,000/-रूपए.
*. पारिवारिक या हाउसहोल्ड रीइम्बर्समेंट - 4,000/-रूपए.
*. टेलीफोनिक रीइम्बर्समेंट - 3,500/- रूपए.
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4. कंवेयांस अलाउंसेस या वाहन भत्ता -रूपए.
*. कार ओनर्स के लिए पेट्रोल - 270 लीटर,+30 लीटर महानगरों के लिए.
अन्य - 6,000/- रूपए.
*. ड्राईवर अलाउंस - 7,000/-रूपए.
*. कार मेंटेनेंस अलाउंस - 2,500/-रूपए.
5. ऑफिसियल कार और होम A/c -
*. कार - अधिकतम मूल्य 8, 00,000/-रूपए.
*. होम A/c - 20,000/- रूपए.
6. वार्षिक रीइम्बर्समेंट -
*. मेडिकल - 5,500/- रूपए.
*. बुक ग्रान्ट - 7,000/-रूपए.
*. ब्रीफ़केस - 9,000/- रूपए.
इस प्रकार हम देखते हैं कि आरबीआई गवर्नर की हर महीने आय 2.87 लाख रुपये है. इसमें महंगाई भत्ता (डीए) और अन्य भुगतान शामिल है. (मासिक परिलब्ध विवरण आरबीआई द्वारा 31 दिसंबर, 2019 को जारी किया गया था. सकल वेतन विवरण 30 जून, 2019 पर आधारित है.) आरबीआई गवर्नर और डिप्टी गवर्नर के बेसिक पे (सकल वेतन) में भी अधिक अंतर नहीं है.
आखिरी वेतन संशोधन -
आरबीआई गवर्नर के वेतन में आखिरी बड़ा वेतन संशोधन लगभग तीन साल पहले तब हुआ था जब उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर के पद पर प्रतिस्थापित थे. पटेल का मूल वेतन 1 जनवरी, 2016 से पूर्वव्यापी प्रभाव से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था. वर्तमान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास को भी 30 जून, 2019 के आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार प्रति माह 2.50 लाख रुपये का बेसिक या मूल वेतन मिलता है.यह बात बिलकुल साफ हो जाती है कि पिछले तीन साल में आरबीआई गवर्नर के वेतन में कोई बदलाव नहीं हुआ. आरबीआई गवर्नर या डिप्टी गवर्नर के ग्रॉस सैलरी या सकल वेतन की उनकी विनियमित संस्थाओं जैसे बैंकों, विशेष रूप से निजी और विदेशी बैंकों के साथ कोई तुलना नहीं है. उदाहरण - सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ को गवर्नर की सैलरी के मुकाबले करीब 4.77/- करोड़ (वार्षिक) रुपये (ईएसओपी और प्रोत्साहन के बिना) की ग्रॉस सैलरी या सकल वेतन मिलता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के CEO और अध्यक्षों का वेतन RBI के वरिष्ठ प्रबंधन के समान हीं 2.87 लाख रुपये प्रति माह होता है. जबकि SBI के चेयरमैन को प्रति माह लगभग 2.46/ लाख रूपए मिलते हैं.
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एक प्राईवेट बैंक के सीईओ (ईएसओपी और प्रोत्साहन के बिना) की सैलरी आरबीआई गवर्नर की ग्रॉस सैलरी के मुकाबले 31 गुना अधिक है. यूएस फेड चेयरमैन को सालाना 203,250 डॉलर (1.46 करोड़ रुपये) का वेतन मिलता है जबकि बैंक ऑफ अमेरिका के सीईओ का मूल वेतन 1.5 मिलियन डॉलर (10.8 करोड़ रूपए) है.
निष्कर्ष -
इस प्रकार हम देखते हैं कि देश के नोटों पर दस्तखत करने वाले व्यक्ति यानि आरबीआई गवर्नर जैसी शीर्ष नौकरियों में पॉवर, स्टेटस, रेस्पोंसिबिलिटी, एक्सपोज़र, नेशनल प्राइड और इंटरनेशनल रिकग्निशन भी शामिल है. आरबीआई गवर्नर की भूमिका और उसके कार्यों में विनियम तैयार करना, बैंकों और गैर-बैंकों का सुपरविजन करना, ऋण जुटाने में सरकार का प्रबंधन और मदद करना, करेंसी मैनेजमेंट (मुद्रा प्रबंधन), पेमेंट और सेटलमेंट (भुगतान और निपटान), फोरेक्स मैनेजमेंट (विदेशी मुद्रा प्रबंधन) और मोनेटरी पालिसी मैनेजमेंट (मौद्रिक नीति प्रबंधन) जैसे क्षेत्रों की एक पूरी श्रृंखला शामिल है. यही नहीं आरबीआई, सिस्टम की वित्तीय स्थिरता को भी देखता है. यह केंद्रीय बैंक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है.