वंचित बालकों की सामाजिक रूप से पहचान Social Deprived Children

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Mon, 13 Sep 2021 01:08 PM IST

Source: ScoopWhoop

प्राय: सभी समाजों में हमें ऐसे बालकों या समूह की जानकारी मिलती है। इन वर्गों के बालकों को शारीरिक , सामाजिक , आर्थिक एवं राजनीतिक विकास के अवसर नहीं मिल पाते हैं।
सामाजिक रूप से वंचित समूहों को अनेक बार समेकित व्यवस्था में स्थान दिया गया , परंतु भेदभाव , उपेक्षा , निर्धनता , जाति - पाती के कारण पीछे धकेल दिया गया।  आज यह समय की मांग है कि इन बालकों की तरफ ध्यान दिया जाए। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

रासमैन के अनुसार - सांस्कृतिक रूप से वंचित , शैक्षिक  दृष्टि से वंचित , असुविधायुक्त , वंचित निम्न वर्ग एवं निम्न सामाजिक , आर्थिक समूह जैसे शब्दों का प्रयोग एक - दूसरे के लिए किया जाता है।

बाॅलमैन के अनुसार - वंचन निम्न स्तरीय जीवन , दशा या अलगाव की ओर संकेत करता है। जोकि कुछ व्यक्तियों को उनके समाज की सांस्कृतिक उपलब्धियों में भाग लेने से रोक देता है ।
 
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सामाजिक रूप से वंचित बालकों की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं - 
1) संज्ञानात्मक विशेषताएं
2) व्यवहारजनक विशेषताएं
3) व्यक्तित्वपरक विशेषताएं
4) सामाजिक सांस्कृतिक विशेषताएं
5) परिवेश जन्य विशेषताएं