दोस्तों डिजिटल मार्केटिंग की दुनियाँ में कदम रखते हीं आपका सामना कई सारे नए-नए टर्म्स से होगा. जैसे कि इम्प्रेशन, क्लिक-थ्रू-रेट, इंगेजमेंट, ऐडसेंस, प्रमोशन, बाउंस रेट इत्यादि. इन सभी टर्म्स के बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है तभी आप अच्छी तरह से डिजिटल मार्केटिंग की बारीकियों को समझ पाएँगे. आज इस आर्टिकल में हम इम्प्रेशन के बारे में बात करने वाले हैं. तो आइए जानते हैं विस्तार से -
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इंप्रेशन की परिभाषा
डिजिटल मार्केटिंग के टर्म्स में, जब कोई यूजर किसी एडवर्टिज़मेंट को देखता है तब उसे एक इंप्रेशन गिना जाता है. इम्प्रेशन को व्यू-थ्रू भी कहते हैं. दरअसल कोई भी यूजर जब भी कोई ऐप या वेबसाइट को ओपन करता है और अगर उसे एक एडवर्टिज़मेंट दिखाई दे जाता है, तो यही एक इंप्रेशन होता है. इम्प्रेशन टर्म को आप लोगों को इंगेजमेंट के साथ कन्फ्यूज नहीं करना चाहिए. कई बार हम ऐसा समझ लेते हैं कि इम्प्रेशन और इंगेजमेंट एक हीं चीज़ है जबकि ऐसा नहीं है.
इंप्रेशन बनाम क्लिक
एक इंप्रेशन और एक क्लिक के बीच का अंतर काफी सरल है. वास्तव में, इनके नाम से हीं इनकी परिभाषा स्पष्ट है. एक इंप्रेशन तब होता है जब कोई यूजर किसी एडवर्टिज़मेंट को देखता है, और एक इंगेजमेंट, या एक क्लिक, तब होता है जब यूजर वास्तव में एडवर्टिज़मेंट को फॉलो करता है और उस पर क्लिक करता है. हालांकि इंगेजमेंट अंततः अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, फिर भी मोबाइल मार्केटरों के लिए इंप्रेशन एक महत्वपूर्ण मीट्रिक है.What is AdSense CTR? How to increase it? ऐडसेंस सीटीआर क्या है? इसे कैसे बढ़ाएँ ? जानिये यहाँ
इंप्रेशन महत्वपूर्ण क्यों हैं?
मोबाइल मार्केटिंग के लिए इंप्रेशन क्यों महत्वपूर्ण हैं, इसकी व्याख्या करना काफी सरल है. एडवर्टाइजिंग खरीदने का एक लोकप्रिय तरीका एक एडवर्टिज़मेंट द्वारा जेनेरेट इंप्रेशन की संख्या है. आम तौर पर इसके लिए प्रति मिल (सीपीएम) के आधार पर चार्ज लिया जाता है. एडवर्टाइजिंग फ़ॉर्मेट प्रति हजार इंप्रेशन पर चार्ज लगाते हैं. इसका मतलब यह है कि विज्ञापनदाताओं द्वारा कैंपेन कॉस्ट को समझने के लिए यह जानना बेहद हीं आवश्यक है कि एक सीपीएम विज्ञापन कितने इंप्रेशन उत्पन्न करता है.व्यापक अर्थों में बात करें तो, इंप्रेशन महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे इस बात का एक सरल प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं कि किसी विशेष चैनल के माध्यम से कितने लोग विज्ञापन को देख रहे हैं. एक कैंपेन कितने इम्प्रेशन क्रिएट करता है इसकी संख्या की गणना करना भी यह पता लगाने के सबसे सरल तरीकों में से एक है कि एक ऐडवर्टिज्मेंट चैनल भविष्य में कितनी तरक्की कर सकता है. एक ऐडवर्टिज्मेंट कितने इम्प्रेशन क्रिएट करता है यह जानने के बाद कोई भी मार्केटर बड़े हीं आराम से अन्य मार्केटिंग मैट्रिक्स जैसे कि क्लिक-थ्रू रेट (सीटीआर) इत्यादि के बारे में गणना कर सकता है. कोई भी ऐडवर्टिज्मेंट कितना सफल है इस बात को जानने के लिए इन मार्केटिंग मैट्रिक्स का इस्तेमाल किया जाता है.
इंप्रेशन और एडजस्ट
ऑप्ट-इन फीचर के रूप में ऑफ़र इंप्रेशन ट्रैकिंग को एडजस्ट किया जाता है. इंप्रेशन ट्रैकिंग एक विशेष एट्रिब्यूशन मॉडल का उपयोग करती है जो इंप्रेशन और क्लिक के बीच अंतर की पहचान करती है. जब कैंपेन विज़ार्ड में एक एडजस्ट ट्रैकर किसी विज्ञापन नेटवर्क से जुड़ा होता है, तो एडजस्ट दो ट्रैकर यूआरएल जेनरेट करता है. पहला क्लिक-आधारित एट्रिब्यूशन के लिए है, और दूसरा इंप्रेशन ट्रैकिंग के लिए. इन दोनों ट्रैकर की मदद से आपको अपने ऐप्लिकेशन के कन्वर्ज़न फ़नल की बेहतर समझ मिलती है. इंप्रेशन ट्रैकिंग में 24 घंटे की एट्रिब्यूशन विंडो होती है, जिसका अर्थ है कि जो उपयोगकर्ता किसी ऐप के लिए विज्ञापन देखता है, उसे उस इंप्रेशन को एट्रिब्यूट करने के लिए उस अवधि के भीतर इसे इंस्टॉल करना होगा. इंप्रेशन जेनरेट करने वाले यूज़र्स को एट्रिब्यूट किए गए इंस्टॉल को 'इंप्रेशन मोड' में जाकर एडजस्ट डैशबोर्ड में देखा जा सकता है, जो संदर्भ में आसानी के लिए इंप्रेशन और क्लिक डेटा को एक साथ दिखाता है.