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आज बहुत से सरकारी क्षेत्रों का निजीकरण हो रहा है, ऐसे में निजी क्षेत्रों में जॉब्स की सम्भावना दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. इसके अलावा प्राईवेट सेक्टर्स अपने एम्पलॉयज को उसके अच्छे परफॉरमेंस के प्रतिफल के रूप में पदोन्नति देकर पुरस्कृत करता है. यही नहीं, यह क्षेत्र पूरे वर्ष भर अपने भर्ती अभियान के विकल्प खुले रखने के साथ साथ लोगों को अधिक अवसर भी प्रदान करता है. विभिन्न प्राइवेट कम्पनियों का वर्क कल्चर गवर्नमेंट सेक्टरों से बिलकुल अलग होता है. यहाँ आप अधिक कॉंफिडेंट हो सकते हैं. बहुत से प्राईवेट सेक्टर्स अपने एम्पलॉयज का बहुत ख्याल भी रखती हैं, और उन्हें विभिन्न प्रकार के पर्क्स और प्रिविलेज प्रदान करती है.
आज की पीढ़ी प्राईवेट कंपनियों के डिफरेंट चैलेंजेज, एडवेंचर्स और प्रोफेशनलिज्म को पसंद करती है क्योंकि ये उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक होते हैं. यहाँ आपको आपके परफॉरमेंस के लिए सम्मानित किया जाता है. यहाँ आपको अट्रैक्टिव सैलरी, वर्क स्टाइल, जॉब सटिस्फैक्शन और साथ में अधिक अवसर भी मिलता है. और सबसे बड़ी बात है कि आज के समय में गवर्नमेंट जॉब्स की तुलना में प्राईवेट जॉब्स खोजना काफी ज्यादा आसान है. तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम बात करते हैं भारत में शीर्ष 5 सबसे अधिक भुगतान करने वाली प्राईवेट जॉब्स और करियर विकल्पों के बारे में. यह आर्टिकल आपको आकर्षक वेतन की जानकारी देने के साथ साथ निजी क्षेत्र में सही करियर विकल्प चुनने में भी सहायक सिद्ध होगा. तो आइए जानते हैं -
1. हेल्थकेयर (मेडिकल प्रोफेशनल्स)
भारत में मेडिकल प्रोफेशनल्स सबसे अधिक पे स्केल पाने वालों में से एक हैं. मेडिकल एक्सपर्ट्स का सैलरी पैकेज उनकी स्पेशलाइजेशन स्ट्रीम पर निर्भर करता है. इसके अलावा डॉक्टर्स सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले मोस्ट रेपुटेड प्रोफेशनल्स भी माने जाते हैं. अपनी ड्यूटी के बाद डॉक्टर्स अपने निजी क्लाइंट्स के लिए भी काम करते हैं और इस प्रकार एक से अधिक स्रोतों से आय उनकी कमाई को बढ़ाने में मदद करता है. फ़ार्मेसी, डेंटिस्ट्री और ऑप्टोमेट्री जैसे ट्रेडिशनल स्पेशलाइजेशन भी हाई पेइंग हेल्थकेयर चैनल्स हैं. भारत में अपोलो, फोर्टिस, मैक्स आदि जैसे शीर्ष प्राईवेट आर्गेनाइजेशन्स अपने डॉक्टर्स को उच्च भुगतान करने वाले संगठनों में से एक हैं.
सैलरी
भारत में, एक मेडिकल प्रोफेशनल की औसत सैलरी 10 एलपीए (10 LPA) है. यहाँ एक जनरल फिजिशियन का औसत वेतन लगभग 7 एलपीए है और एक जनरल सर्जन का औसत वेतन लगभग 12 एलपीए है.
2. सॉफ़्टवेयर आर्किटेक्ट
एक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट एक सॉफ्टवेयर डेवलपर या कंप्यूटर प्रोग्रामर होता है जो यह पता लगाता है कि डेवलपमेंट टीम के द्वारा किन टेक्नोलॉजी और प्रोसेस का उपयोग किया जाना चाहिए. इसके अलावा, हाई परफॉरमेंस सॉफ़्टवेयर सिस्टम के प्रोडक्शन के लिए, वे अन्य एक्सपर्ट्स के साथ कोलैबरेट करते हैं. एक सॉफ़्टवेयर आर्किटेक्ट कोडिंग सम्बन्धी प्रॉब्लम्स का भी निवारण भी करते हैं. सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट किसी बड़ी कंपनी में काम कर सकते हैं या फिर अगर वे चाहें तो अपनी खुद की बिजनस की शुरुआत भी कर सकते हैं. यह भारत में सबसे अधिक भुगतान पाने वाले जॉब्स में से एक है.
वेतन
एक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट का औसत वेतनमान लगभग 23 एलपीए हो सकता है. वैसे एन्ट्री लेवल पर उनका वेतन आम तौर पर लगभग 9 एलपीए होता है. यह भारत में एक सबसे अधिक भुगतान वाली प्राईवेट जॉब्स में से एक है जहाँ एक्सपीरियंस के साथ साथ आपका वेतन भी बढ़ता जाता है.
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3. चार्टर्ड एकाउंटेंट
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) फाइनेंस और बिजनस के क्षेत्र में फाइनेंसियल और जनरल मैनेजमेंट, टैक्सेशन और ऑडिटिंग के लिए काम करता है. चार्टर्ड अकाउंटेंट इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के सदस्य होते हैं. यह भारत का एकमात्र राष्ट्रीय लेखा निकाय (नेशनल एकाउंटिंग बॉडी) है. भारत में सीए की काफी डिमांड है. इसी के साथ भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भारी कमी भी है. यही कारण है कि यह पेशा अत्यधिक आकर्षक है और भारत में शीर्ष उच्चतम भुगतान वाली निजी नौकरियों में से एक है.
वेतन
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की शुरुआती सैलरी लगभग रु. 6-7 एलपीए होती है. और यह 30 एलपीए तक बढ़ सकती है. लगभग 3 से 4 साल के एक्सपीरियंस वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट को 8 से 12 LPA तक का वेतन मिल सकता है. एक्सपीरियंस के साथ यह वेतन बढ़ता जाता है.
4. बिजनस मैनेजर
बिजनस मैनेजमेंट, बिजनस एक्टिविटीज का कोओर्डिनेशन और आर्गेनाइजेशन है. यह भारत में सबसे अधिक सैलरी वाली प्राईवेट जॉब्स में से एक है. एक प्राईवेट कम्पनी के एम्पलॉयज को वहाँ का बिजनस मैनेजर हीं टॉप प्रोडक्टिविटी तक पहुँचने में मदद करता है. बिजनस मैनेजर अपने नए एम्पलॉयज को बिजनस के फाइनेंसियल और ऑपरेशनल ऑब्जेक्टिव तक पहुँचने के लिए भी ट्रेन करता है. वैसे आम तौर पर, इस उच्च-भुगतान वाली जॉब्स के लिए अधिक एक्सपीरियंस की आवश्यकता होती है.
सैलरी
अगर एक एक फ्रेशर हैं तो बिजनस मैनेजर के रूप में लगभग 20-30 LPA का पैकेज प्राप्त कर सकते हैं. 4 साल तक के अनुभव वाले बिजनस मैनेजर्स का औसत वेतनमान 50 एलपीए तथा 5 से 9 साल तक के अनुभव वाले बिजनस मैनेजर का औसत वेतनमान 70-80 एलपीए होता है.
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5. प्रोडक्ट मैनेजर
एक प्रोडक्ट मैनेजर कस्टमर्स की नीड्स की आइडेंटिफिकेशन करता है और अपने आर्गेनाइजेशन के प्रोडक्ट के डेवलपमेंट के लिए जिम्मेदार होता है. एक प्रोडक्ट मैनेजर दूरदर्शी होता है और किसी भी प्रोडक्ट के सक्सेस के लिए गाइड करता है. प्रोडक्ट मैनेजर उस टीम का नेतृत्व भी करता है जो प्रोडक्ट के सुधार के लिए होता जिम्मेदार है. आर्गेनाइजेशन्स खास कर टेक्नोलॉजी कंपनियों में यह भूमिका महत्वपूर्ण होती है. यह पद भारत की सबसे अच्छी प्राईवेट जॉब्स में से एक है.
वेतन
एक टेक्नोलॉजी कंपनी के प्रोडक्ट मैनेजर का औसत वेतन लगभग रु 18 एलपीए होता है. साथ हीं इसकी बेस सैलरी करीब 9-10 एलपीए होता है. प्राईवेट क्षेत्र के अन्य जॉब्स की तरह एक प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में, भी आपके एक्सपीरियंस के साथ साथ आपकी सैलरी बढ़ती जाती है.