राजीव गांधी की जन्म, शिक्षा एवं परिवार
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में मुंबई में हुआ था। राजीव गांधी इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पुत्र थे। इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के अलग होने के बाद इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के घर रहने लगी थी और उन्होंने अपने पिता के साथ राजनीति सीखी। राजनीति को उन्होंने नेहरू परिवार के होने के नाते और अच्छे तरीके से सीखा था। इनकी प्राथमिक शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित विद्यालय हुई से हुई थी। जहां पर इनकी मित्रता महानायक अमिताभ बच्चन से हुई थी। आगे की पढ़ाई राजीव गांधी ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से किया था। जिसके बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग करने का ऑफर आया था। 1965 में कैंब्रिज में रहे लेकिन इन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी नहीं की थी। 1966 में राजीव गांधी भारत वापस आए इस समय उनकी मां देश में प्रधानमंत्री के पद पर कार्य कर रही थी। जिसके बाद राजीव गांधी ने दिल्ली में जाकर फ्लाइंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग ली और 1970 में एक पायलट के तौर पर काम करने लगे थे। जब वे भारत वापस आए थे तब उसके भाई संजय गांधी अपनी मां के साथ भारतीय राजनीति में उतर गए थे। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान राजीव गांधी की मुलाकात एंटोनिया मैनो से हुई थी जिनसे वह प्यार करते थे और उन दोनों ने 1969 में शादी कर ली थी। शादी के बाद एंटोनिया मैनो का नाम परिवर्तित कर सोनिया गांधी रखा गया। राजीव गांधी की दो संतान हुई राहुल गांधी और प्रियंका गांधी और उनका पूरा परिवार राजनीति से प्रेरित रहा है। पर राजीव गांधी को राजनीति से खास लगाव नहीं था। वर्तमान में भी राजीव गांधी की पत्नी यानी सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष है और राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी सांसद के रूप में कार्यरत हैं।
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आइए जानते हैं राजीव गांधी के राजनैतिक सफर के बारे में
राजीव गांधी को राजनीति में लगाव नहीं था पर उन्हें राजनीति में आना पड़ा 23 जून 1980 में संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत के बाद राजीव गांधी को 1982 से इंदिरा गांधी के साथ राजनीति में आना पड़ा। उन्होंने अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीता और संसद में अपना जगह बनाया। 1981 में राजीव गांधी को भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
आइए जानते हैं प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी का सफर
31 अक्टूबर 1984 को राजीव गांधी की मां इंदिरा गांधी को उनके ही सीख बॉडीगार्ड ने मार दिया था। जिनके मौत के कुछ घंटों बाद ही कांग्रेस के सदस्य ने मिलकर कांग्रेस की पूरी बागडोर राजीव गांधी के हाथों थमा दी। 1981 के आम चुनाव में राजीव गांधी ने 80 परसेंट सीट अपने नाम की और 40 साल के उम्र में ही देश के प्रधानमंत्री बन गए। राजीव गांधी एक युवा प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश के विकास और प्रगति के लिए अमिट योगदान दिया था। इन्होंने देश में संचार क्रांति, कंप्यूटर जैसे विज्ञान को लाया। राजीव गांधी ने शिक्षा को देश में बढ़ाने के लिए बहुत सारे कार्य किए इसके साथ ही 18 साल के युवाओं को मताधिकार और पंचायती राज को शामिल किया था। राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री कार्य के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। जिसमें श्रीलंका में शांति सेना भेजें थे, असम, मिजोरम एवं पंजाब समझौता आदि शामिल था। राजीव गांधी ने कश्मीर और पंजाब में हो रही अंतरिक लड़ाई को भी काबू करने की कोशिश की थी। उनका मानना था कि देश का विकास युवाओं के द्वारा ही संभव है। देश के युवाओं को रोजगार भरपूर मिले इसके लिए राजीव गांधी हमेशा से ही कार्य किए हैं। राजीव गांधी ने इसके लिए जवाहर रोजगार योजना शुरू किया था।
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राजीव गांधी पर लगे हुए आरोप के बारे में
राजीव गांधी स्वयं एक भ्रष्टाचार विरोधी थे पर इन पर बोफोर्स कांड के लिए भ्रष्टाचारी होने के आरोप लगे थे 1980 और 1990 के बीच कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया गया था। उस दौरान राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और इस घटना में सरकार पर घूसखोरी होने का दावा किया गया था। जिससे राजीव गांधी के राजनीतिक कैरियर पर गहरा आघात पहुंचा था और इसका असर आने वाले चुनाव में दिख गया, जब 1979 में राजीव गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। राजीव गांधी ने 2 साल तक विपक्ष में रहकर काम किया और इनका राजनीतिक कैरियर बहुत कष्टदायक था और उन्होंने अपने धैर्यवान स्वभाव के कारण ही न्याय प्राप्त किया और इन्हें जनता से बहुत प्यार और सम्मान मिला।
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राजीव गांधी की मृत्यु
श्रीलंका में हो रहे आतंकी मसले को सुलझाने के लिए राजीव गांधी ने अहम कदम उठाया था जिसके कारण इन पर 1991 में हमला किया गया और राजीव गांधी जैसे महान युवा नेता की मृत्यु हो गई थी। 21 मई 1991 को राजीव गांधी की मानव बम द्वारा हत्या की गई थी। यह पहली बार नहीं था जब भारत के किसी बड़े नेता को आतंकवादियों ने मार दिया था यह घटना तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी। इससे पहले भी इन पर जानलेवा हमला हुआ था इनके परिवार में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मृत्यु आतंकवादी के कारण हुई थी।
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