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Green Hydrogen Policy :भारत की नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू की गई है, जिसमें सस्ती अक्षय ऊर्जा का वादा किया गया है।
इसमें जून 2025 से पहले पूरी की गई परियोजनाओं के लिए अंतर-राज्य power transmission के लिए 25 साल की निःशुल्क छूट और स्थानीय industries को fossil fuels से दूर जाने में मदद करने के लिए मेगा निर्माण एरिया शामिल हैं।
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भारत के लिए ग्रीन एनर्जी का क्या महत्व है?
भारत में ग्रीन एनर्जी का निर्माण बहुत जरूरी है क्योंकि रूस-यूक्रेन संकट ने विश्व भर में सभी एनर्जी की मुल्यों को बढ़ा दिया है, जो कि विशेष रूप से भारत में, तेल का 85 % और अपनी नेचुरल गैस का 53 % इमपोर्ट करता है।
बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन फ्यूल के प्रयोग में बदलाव से भारत के भू-राजनीतिक प्रभाव के साथ-साथ इसकी एनर्जी सुरक्षा में मदद कर सकता है।
इस नीति का प्रमुख उद्देश्य हरित हाइड्रोजन और अमोनिया को बढ़ावा देना है, जिससे हरित बिजली निर्माण के लिए 1 महिने तक विद्युत डिस्ट्रीब्यूशन व्यवसाय के साथ अपनी अतिरिक्त अक्षय ऊर्जा को इकट्ठा करना आसान हो जाता है।
इसमें एक्सपोर्ट के लिए ग्रीन अमोनिया के भंडारण के लिए बंदरगाहों के निकट बंकरों के निर्माण का भी प्रस्ताव दिया गया है।
Source: Safalta
जुलाई 2025 से पहले ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण को बिजली उत्पादन के लिए बनाई गई किसी भी नई अक्षय एनर्जी व्यवस्था को नए नियम के तहत 25 साल का मुफ्त बिजली ट्रांसमिशन मिलेगा।
इस नीति के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रोत्साहन कार्य
सभी ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन मंजूरी के साथ-साथ सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा ताकि ज्यादा एनर्जी निर्माण को एक महिने तक डिस्कॉम के पास इकट्ठा किया जाए और जरूरत के हिसाब से इसका प्रयोग किया जाए।
ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया बनाने वाले एनर्जी संयंत्रों को ग्रिड तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था किया जाएगा।
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ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) क्या है?
ग्रीन हाइड्रोजन पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से बनाया जाता है, जो जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग करने की एक टेक्निक है और जिसे अक्षय ऊर्जा के लिए उपयोग किया जा सकता है।
ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी का क्लीन source है।
ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण के लिए जल से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है।
पिछले कुछ समय से दुनिया की बड़ी ऑयल और गैस कंपनियों की दिलचस्पी ग्रीन हाइड्रोजन में बढ़ गई है।
एक्सपर्ट का कहना है कि हर चीज के लिए इलेक्ट्रिक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है इस लिए अब दुनिया भर में इसके निर्माण के लिए सरकार और नीजी कंपनियां ध्यान दे रही है, और नीगरिकों को इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहीत कर रही है।
ग्रीन अमोनिया (Green Ammonia) क्या है?
ग्रीन अमोनिया एक गैस है जिसका उपयोग कृषि उर्वरकों के उत्पादन में किया जाता है।
पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से हाइड्रोजन और हवा से नाइट्रोजन का उपयोग करके ग्रीन अमोनिया का उत्पादन किया जाता है।
अमोनिया एक pungent smell वाली रंगहीन गैस है।
यह हवा से हल्की होती है तथा इसका Vapor Density 8.5है।
ये पानी में जल्दी घुलने वाला है।
केमिकल प्रयोगशाला में अमोनियम क्लोराइड तथा बुझे हुए सूखे चूने के मिलाकर उसे गर्म करके अमोनिया गैस तैयार की जाता है।