हैदरपुर वेटलैंड को मिला रामसर साइट का दर्जा

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Fri, 10 Dec 2021 08:21 PM IST

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हाल ही में उत्तर प्रदेश स्थित हैदरपुर वेटलैंड को रामसर साइट के रूप में मान्यता मिल गई है । अब हैदरपुर वेटलैंड देश का 47 वां और उत्तर प्रदेश का दसवां स्थल होगा जिसे रामसर साइट के रूप में मान्यता मिली है।
गंगा और सोलानी नदी के मध्य स्थित लगभग 6 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैदरपुर वेटलैंड जैव विविधता का महत्वपूर्ण केंद्र है। हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण क्षेत्र में जैव विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैदरपुर वेटलैंड को रामसर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इससे यहां पर्यटन के साथ-साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। हैदरपुर वेटलैंड की जैव विविधता पक्षियों को हमेशा आकर्षित करती है। यहां विदेशी पक्षी मंगोलिया की पहाड़ीयों को पार कर पहुंचते हैं। यहां की जैव विविधता में डॉल्फिन, कछुए, मगरमच्छ, घड़ियाल, ऊदबिलाव, हिरण और तितलियां महत्वपूर्ण प्रजातियां हैं। हैदरपुर वेटलैंड में 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी चिन्हित किया गए हैं जिनमें नादर फ्लावर, नार्दन पिटेल, कॉटन टिल, ब्लैक नेक्ड स्टोर्क,  ग्रे लेग गूज, इंडियन ग्रास बर्ड आदि प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं। वेटलैंड वे पारिस्थितिक तंत्र होते हैं जो या तो मौसमी या अस्थाई रूप से जल से संतृप्त या भरे रहते हैं ।

महत्वपूर्ण तथ्य
  • रामसर साइट वह वेटलैंड साइट हैं जिन्हें रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है।
  • रामसर सम्मेलन यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड संधि है।
  • यह संधि 2 फरवरी 1971 को ईरान के शहर रामसर में संपन्न हुई थी ।
  • यह संधि 21 दिसंबर 1975 से प्रभावी हुई।
  • प्रतिवर्ष 2 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • वर्तमान में भारत में कुल 47 वेटलैंड रामसर साइट के रूप में सूचीबद्ध हैं।
  • वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 10 वेटलैंड रामसर सूची में सम्मिलित हैं।