13 नवंबर 2021 को भारत के
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने लंबी दूरी की
सुपर सोनिक मिसाइल असिस्टेड टारपीडो (स्मार्ट) का सफल परीक्षण किया।
यह परीक्षण
उड़ीसा के बालासोर तट स्थित व्हीलर द्वीप से किया गया।
सुपर सोनिक मिसाइल असिस्टेड टारपीडो सिस्टम अगली पीढ़ी की मिसाइल आधारित स्टैंड अप टारपीडो डिलीवरी सिस्टम है।
यह प्रणाली टारपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक पनडुब्बी रोधी क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन और विकसित की गई है।
इस प्रणाली से भारतीय नौसेना की शक्ति और क्षमता में वृद्धि होगी साथ ही साथ रक्षा विशेषज्ञता और क्षमताओं के दोहन में भी आत्मनिर्भर था आएगी।
यह एक तरह की सुपर सोनिक एंटीशिप मिसाइल है इसके साथ ही इसमें एक हल्के वजन वाला टारपीडो भी लगा हुआ है जिसे पेलोड की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
दोनों मिलकर इसे सुपर सोनिक एंटी सबमरीन मिसाइल बना देते हैं।
इस प्रणाली में मिसाइल की विशेषताओं के साथ साथ पनडुब्बी को नष्ट करने की क्षमता भी है ।
इस मिसाइल की मारक क्षमता 650 किलोमीटर होगी।
उल्लेखनीय है कि इतनी अधिक लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल प्रणाली भारतीय नौसेना को विश्व की खतरनाक नौसेनाओं की सूची में और ऊपर पहुंचा देगी।
हालांकि भारत के पास पहले से ही वरूणास्त्र नामक पनडुब्बी रोधी टारपीडो है जो जीपीएस की मदद से अपने लक्ष्य लक्ष्य को भेद सकता है ।
महत्वपूर्ण तथ्य
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान विभाग के अंतर्गत एक प्राथमिक एजेंसी है जो सैन्य अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में कार्य करती है।
- स्थापना - 1958
- मुख्यालय - नई दिल्ली
- चेयरमैन - डॉ. जी. सतीश रेड्डी