प्रसिद्ध भारतीय वास्तुकार
बालकृष्ण दोशी को
रॉयल गोल्ड मेडल 2022 प्रदान किया जाएगा।
रॉयल गोल्ड मेडल
वास्तुकला के क्षेत्र में दुनिया के सर्वोच्च सम्मान में से एक है।
यह सम्मान रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (आरआईबीए) द्वारा प्रदान किया जाता है।
94 वर्षीय बालकृष्ण दोशी ने अपने 70 वर्ष के करियर में 100 से ज्यादा परियोजना के साथ अपने अभ्यास और शिक्षण दोनों माध्यमों से भारत और उसके आसपास के क्षेत्र में वास्तुकला की दिशा और दशा को प्रभावित किया है।
उल्लेखनीय है कि आजीवन किए गए काम को मान्यता देने वाला यह शाही स्वर्ण पदक व्यक्तिगत रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा अनुमोदित किया जाता है। रॉयल गोल्ड मेडल ऐसे व्यक्ति या लोगों को प्रदान किया जाता है जिनका वास्तुकला की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान रहा हो।
ध्यातव्य है कि बालकृष्ण दोशी का पूरा नाम बालकृष्ण विट्ठल भाई दोशी है।
वर्ष 1927 में महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे बालकृष्ण दोशी का परिवार फर्नीचर निर्माण कार्यों से जुड़ा था।
उन्होंने जेजे स्कूल आफ आर्किटेक्चर, मुंबई से अपना अध्ययन कार्य पूरा किया है।
बालकृष्ण दोशी को प्रित्जकर आर्किटेक्चर प्राइज, पद्म श्री पुरस्कार, पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रित्जकर आर्किटेक्चर प्राइज पाने वाले वह पहले भारतीय वास्तुकार थे।
महत्वपूर्ण तथ्य
- महाराष्ट्र भारत के दक्षिण मध्य में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है।
- यह क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।
- मुंबई यहां की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है।
- मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है।
- यहां के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी हैं।
- यहां के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं।
- यहां की राजभाषा मराठी है।
- अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, एलिफेंटा की गुफाएं, गेटवे ऑफ इंडिया, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन, ताज होटल यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल है।