Biography of Amit Shah, अमित शाह के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Sat, 22 Oct 2022 12:00 AM IST

Highlights

साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट मिनिस्टर में अमित शाह को गृह मंत्री का कार्यभार सौंपा था।

Source: safalta

Biography of Amit Shah: भारत के गृह मंत्री अमित शाह को कौन नहीं जाता जानता, जिनका ताल्लुक भारतीय जनता पार्टी से है। अमित शाह देश के गृहमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।
शाह के नीति और दम पर बीजेपी ने कई राज्यों में अपना वर्चस्व फैला रखा है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह को नरेंद्र मोदी ने  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का कार्यभार सौंपा है। अब वे देश गृह मंत्री के रूप में जाने जाते हैं, आइए जानते हैं अमित शाह के जीवन परिचय के बारे में   अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
 

विषय सूची Table Of Content


अमित शाह के राजनीतिक कैरियर के बारे में 
अमित शाह के प्रारंभिक जीवन के बारे में
साल 2000 में मिला मंत्री पद 
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किया था प्रचार प्रसार 
राज्यसभा के सदस्य हैं अमित शाह
अमित शाह द्वारा लिए गए बड़े फैसले 
 

अमित शाह के प्रारंभिक जीवन के बारे में


अमित शाह का जन्म साल 1964 में महाराष्ट्र के एक गुजराती परिवार में हुआ था।  इनके परिवार का संबंध गुजरात के मेहसाना गांव से हैं और शाह की शुरुआती शिक्षा मेहसाना से ही हुई है। शाह विज्ञान के छात्र थे और उन्होंने सीयू शाह साइंस कॉलेज से विज्ञान के विषय में डिग्री हासिल की है। अमित शाह के पिता का नाम अनिल चंद्र शाह और माता का नाम कुसुंबा है। उनकी पत्नी का नाम सोनल है और इनका एक बेटा है जिनका नाम जय शाह है और वे पेशे से एक व्यापारी हैं। 

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अमित शाह के राजनीतिक कैरियर के बारे में 


साल 1983 में यह आरएसएस से जुड़े अमित शाह ने अपने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में आने का फैसला लिया था और साल 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने का मौका मिला, बाद में साल 1986 में यह बीजेपी पार्टी में भी शामिल हो गए। इन्होंने पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करना शुरू किया। इनको 1997 में पार्टी की ओर से विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, जिसके बाद उन्हें तीन बार यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

 साल 2000 में मिला मंत्री पद 


गुजरात के विधानसभा चुनाव में लगातार बीजेपी पार्टी को जीत मिलने के बाद, पार्टी ने शाह को राज्य के कई मंत्री पद का कार्यभार सौंपा था। जिस वक्त शाह को मंत्री पद का कार्यभार सौंपा गया था उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे। साल 2000 में अमित शाह की नियुक्ति अहमदाबाद जिले के सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में हुई थी, इसके अलावा वे राज्य के चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं।
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 साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किया था प्रचार प्रसार 


साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रचार प्रसार किया था। इन चुनावों में अपनी पार्टी की शानदार जीत भी दिलवाई थी। इसके अलावा उन्होंने पार्टी के अन्य राजनेताओं के लिए भी प्रचार किया है। साल 1991 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के लिए भी चुनाव जीतने की रणनीति बनाई थी। साल 2014 में बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष बने अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को जिताने के लिए कड़ी मेहनत की थी। वहीं इन्हें साल 2014 में पार्टी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसके बाद उनकी अध्यक्षता में कई बड़े राज्यों में बीजेपी ने जीत हासिल की और साल 2016 में एक बार फिर उन्हें दोबारा इस पद के लिए चुना गया था, लेकिन साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट मिनिस्टर में अमित शाह को गृह मंत्री का कार्यभार सौंपा था।

 राज्यसभा के सदस्य हैं अमित शाह 


साल 2017 में बीजेपी की ओर से राज्यसभा भी भेजा गया था और इस दौरान यह राज्यसभा के सदस्य बने हैं। इन्हें गुजरात राज्य की सीट से राज्यसभा भेजा गया है। साल 2019 में अमित शाह को मोदी कैबिनेट में गृह मंत्री बनाया गया। इसके अलावा ये लोकसभा के सदस्य भी हैं। 


 अमित शाह द्वारा लिए गए बड़े फैसले 


जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म करवाना देश के लिए बड़ा फैसला है अब भारत जम्मू-कश्मीर भी भारत का मुख्य हिस्सा है। 370 खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर के लिए नए नियम बनाए गए हैं।
 एनआरसी का मुद्दा- देश में अनऑफिशियल तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों को भारत से बाहर खदेड़ना एनआरसी के तहत किया गया था। इस फैसले के बाद देश में कई हम बड़े हंगामे और धरना हुई थी।
 नक्सलवादी का मुद्दा - भारत के कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पर नक्सलवाद को लेकर नागरिक परेशान हैं जिनमें से एक है छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में एक बहुत बड़ा धमाका हुआ था जो नक्सलवादियों द्वारा किया गया था जिसके बाद अमित शाह ने नक्सलवादियों  को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

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