List of 16 Mahajanapadas Of Ancient India : प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों की सूची

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Sat, 09 Jul 2022 01:06 PM IST

Highlights

महाजनपदों का निर्माण छठी शताब्दी ईसा पूर्व का माना जाता है. प्राचीन भारत में 16 महाजनपद हुआ करते थे. इनमें गणतंत्र और राजतंत्र दोनों तरह के महाजनपद शामिल थे. आइए जानते हैं कि प्राचीन भारत के ये 16 महाजनपद कौन कौन से थे और अभी ये कहाँ पर स्थित हैं ? 

Source: Safalta

प्राचीन भारत के राज्य अथवा प्रशासनिक इकाइयों को महाजनपद कहा जाता था. जनपदों का उल्लेख उत्तर वैदिक काल में मिलता है. इसके अलावा महाजनपदों का उल्लेख बौद्ध ग्रंथों में भी अनेक बार किया गया है. महाजनपद काल को सूत्रकाल या बुद्ध युग आदि नामों से भी जाना जाता है इसे द्वितीय नगरीकरण की शुरुआत भी माना जाता है. राज्यों का गठन महाजनपदों की सबसे प्रमुख विशेषता थी. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
July Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW 
Indian States & Union Territories E book- Download Now


महाजनपदों का निर्माण
महाजनपदों का निर्माण छठी शताब्दी ईसा पूर्व का माना जाता है. जैसे जैसे महाजनपदों का उदय होता गया उत्तर भारत का राजनीतिक इतिहास भी स्पष्ट होता चला गया.
प्राचीन भारत में 16 महाजनपद हुआ करते थे. इनमें गणतंत्र और राजतंत्र दोनों तरह के महाजनपद शामिल थे.
इन सोलह महाजनपदों में मगध, वत्स, कोशल तथा अवन्ति चार महाजनपदों की प्रसिद्धि सर्वाधिक थी. और इनके बीच प्रतिद्वंदिता भी बहुत थी. इन महाजनपदों की प्रतिद्वंदिता और युद्धों के बीच अन्ततः मगध हीं विजयी हुआ करता था.
आइए जानते हैं कि प्राचीन भारत के ये 16 महाजनपद कौन कौन से थे और अभी ये कहाँ पर स्थित हैं ?

प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों की सूची

1. मगध महाजनपद - सबसे शक्तिशाली महाजनपद
मगध बिहार का एक शक्तिशाली महाजनपद था. इसकी राजधानी पाटलीपुत्र (वर्तमान पटना) हुआ करती थी. मगध महाजनपद में हर्यक वंश के बिम्बसार, अजातशत्रु, उदयन, नाग वंश के शिशुनाग, नन्द वंश के महापद्मनन्द, घनानन्द आदि पराक्रमी राजाओं ने शासन किया.
मगध को सर्वोच्चता के लिए अवंती, कोसल और वत्स से (600-400 ईसा पूर्व) में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा था हालाँकि मगध ने संप्रभुता प्राप्त की और सबसे शक्तिशाली महाजनपद साबित हुआ.

2. कम्बोज महाजनपद
उत्तरा पथ में स्थित यह महाजनपद वर्तमान में पाकिस्तान में अवस्थित है. इसकी राजधानी हाटक अथवा राजपुर हुआ थी. कंबोज का उल्लेख पाणिनी के अष्टाध्यायी में शक्तिशाली जनपदों में से एक के रूप में भी मिलता है. कम्बोज महाजनपद अपने श्रेष्ठ घोड़ो के लिए विख्यात था. बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय, महावस्तु में भी कम्बोज का कई बार उल्लेख हुआ है. ये गांधारों के समीपवर्ती महाजनपद था. निकटवर्ती होने के कारण अनेक स्थानों पर गांधार और कांबोज का नाम साथ साथ किया गया है. वर्तमान में यह क्षेत्र उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में है. द्वारका, राजपुर आदि इसके प्रमुख नगर हुआ करते थे. इसका उल्लेख इरानी प्रचीन लेखों में भी मिलता है जिसमें इसे राजा कम्बीजेस के प्रदेश से जोड़ कर देखा गया है. प्राचीन वैदिक साहित्य में कंबोज देश या यहाँ के निवासी कांबोजों के विषय में कई उल्लेख हैं जिनसे ज्ञात होता है कि कंबोज देश का विस्तार उत्तर में कश्मीर से लेकर हिंदूकुश तक फैला हुआ था.

3. गांधार महाजनपद –
गांधार की राजधानी तक्षशिला हुआ करती थी. वर्तमान में यह पाकिस्तान के रावलपिंडी, पेशावर आदि स्थान है. गांधार के एक प्रसिद्ध शहर का नाम पुष्कलावती था.

4. मत्स्य महाजनपद –
यह महाजनपद अवन्ती के द्वारा जीत लिया गया था. वर्तमान में पूर्वी राजस्थान अलवर जयपुर भरतपुर आदि क्षेत्रों में यह फैला हुआ था.

5. अवन्ति महाजनपद –
अवन्ति की राजधानी उज्जैन हुआ करती थी. उज्जैन के अलावे महिष्मति भी इसकी दूसरी राजधानी हुआ करती थी. यहाँ के एक राजा चंडप्रद्धोत का जिक्र मिलता है जिसकी चिकित्सा के लिए बिम्बसार ने अपने राजवैद्य जीवक को अवंति के दरबार में भेजा था.

6. काशी महाजनपद –
काशी की राजधानी वाराणसी या बनारस हुआ करती थी. वाराणसी के एक शासक अश्वसेन का जिक्र पुराने दस्तावेजों में मिलता है. यह क्षेत्र अपने सूती वस्त्र तथा घोड़ों के व्यापार के लिए प्रसिद्द था. इसके अलावा प्राचीनतम ग्रंथ दशरथ जातक के मुताबिक दशरथ का सम्बन्ध काशी से था. दशरथ जातक, राम कथा से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण ग्रन्ध का नाम है.

7. कोसल महाजनपद –
कोसल की राजधानी श्रावस्ती हुआ करती थी इसके अलावा कुशावती भी इसकी दूसरी राजधानी थी. यहाँ के प्रसिद्द राजा प्रसेनजीत बुद्ध के समकालीन थे. प्रसेनजीत की बहन तथा कोसल की राजकुमारी कोसल देवी का विवाह मगध महाजनपद में हर्यक वंश के राजा बिम्बसार से हुआ था. प्रसेनजीत की पुत्री वजिरा का विवाह अजातशत्रु से हुआ था.

8. अंग महाजनपद –
अंग (वर्तमान में पूर्वी बिहार) की राजधानी चम्पा हुआ करती थी. अंग प्रदेश के राजा ब्रह्मदत्त को हरा कर बिम्बसार ने अंग प्रदेश को जीत लिया था, चम्पा के वास्तुकार महागोविन्द थे. चम्पा को मालिनी भी कहा जाता था.

9. वत्स महाजनपद –
वत्स की राजधानी का नाम कौशाम्बी था. कुरुवंश के शासक निचक्षु ने कौशाम्बी को अपनी राजधानी बनाया था. कालान्तर में कौशाम्बी में पौरवंश ने अपना शासन कायम किया.

10. मल्ल महाजनपद
मल्ल की राजधानी का नाम पावा था. इसके अलावा इसकी दूसरी राजधानी कुशीनारा हुआ करती थी. यह एक गणतंत्र था. कुशीनगर या कुशीनगर में हीं महात्मा बुद्ध की मृत्यु हुई थी.

11. वज्जि महाजनपद –
वज्जि एक गणतंत्र था जिसके आठ समूह हुआ करते थे – कुण्डग्राम के ज्ञात्रिक, मिथिला के विदेह, वैशाली के लिच्छवी, रामग्राम के इक्ष्वाकु, कौलिय, उग्र

12. मथुरा (सुरसेन) महाजनपद
मथुरा या सूरशेन का राजा अवंतिपुत्र, बुद्ध का शिष्य था. सूरशेन अवंती के राजा चंड प्रद्धोत की पुत्री का पुत्र था.

13. पांचाल महाजनपद –
पांचाल की राजधानी काम्पिल्य हुआ करती थी. इसकी दूसरी राजधानी अहिच्छत्र थी. पांचाल को बाद में कोसल ने जीत लिया था.

14. कुरु महाजनपद –
वर्तमान में दिल्ली हरियाणा. कुरु की राजधानी का नाम इन्द्रप्रस्थ हुआ करता था. यहाँ के राजा का नाम उदयन था. यह एक राजतन्त्र था जो बाद में गणतंत्र में बदल गया था.

15. चेदि महाजनपद –
वर्तमान बुंदेलखंड. यहाँ के राजा कृष्ण के फुफेरे भाई शिशुपाल हुआ करते थे. चेदि की राजधानी का नाम सूक्तिमति था.
 
सामान्य हिंदी ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
अर्थव्यवस्था ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  


16. अश्मक महाजनपद –
गोदावरी के तट पर बसा यह महाजनपद वर्तमान एमपी में है. इसकी राजधानी पोतना थी. यहाँ के राजा अरुण ने कलिंग पर आक्रमण किया था बाद में अश्मक को अवन्ती ने जीत लिया था.