सरोजिनी नायडू का जन्म परिवार
सरोजिनी नायडू का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था उनके पिता पेशे से वैज्ञानिक एवं डॉक्टर थे। इनका परिवार हैदराबाद में रहता था इनके पिता हैदराबाद कॉलेज के एडमिन थे साथ ही वे इंडियन नेशनल कांग्रेस हैदराबाद के पहले सदस्य भी थे। सरोजिनी जी के पिता ने अपनी नौकरी छोड़कर आजादी की लड़ाई में भाग लिया। सरोजिनी नायडू की माता वरद सुंदरी देवी एक लेखक थी जो बंगाली भाषा में कविता लिखा करती थी। सरोजिनी जी के आठ भाई-बहन थे जिसमें सरोजिनी नायडू सबसे बड़ी थी इनके एक भाई वीरेंद्र नाथ जो क्रांतिकारी थे जिन्होंने बर्लिन कमिटी बनाने में मुख्य भूमिका निभाई थी। इनके एक और भाई हरिद्रनाथ कवि और एक्टर थे।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
सरोजिनी नायडू की शिक्षा और जीवन
सरोजिनी नायडू बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी इन्हें उर्दू, तेलुगु, इंग्लिश, बंगाली इन सारी भाषाओं का अच्छे से ज्ञान था। 12 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू ने मद्रास यूनिवर्सिटी में मैट्रिक की परीक्षा में टॉप किया था। सरोजिनी नायडू के पिता चाहते थे कि वे एक वैज्ञानिक बने या गणित में और आगे की पढ़ाई करें, लेकिन सरोजिनी जी की रूचि कविता लिखने में अधिक थी। एक बार सरोजिनी जी ने अपने गणित के पुस्तक में 1300 लाइन की कविता लिख डाली थी जिसे उनके पिता देखकर दंग रह गए थे और वे इसकी कॉपी बनवा कर सब जगह बांटते थे। इनके पिता ने उस कॉपी को हैदराबाद के नवाब को भी दिखाया था जिसे देखकर नवाब बहुत खुश हुए और सरोजिनी जी को विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दिया। इसके बाद सरोजिनी जी आगे की पढ़ाई के लिए लंदन के किंग कॉलेज गई। जिसके बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के गिरतो कॉलेज से पढ़ाई की।
| सामान्य हिंदी ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
| पर्यावरण ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
| खेल ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
| साइंस ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
| अर्थव्यवस्था ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
| भारतीय इतिहास ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी
सरोजिनी जी गोपाल कृष्ण गोखले से मिली और उन्होंने सरोजिनी नायडू से कहा कि वह अपनी कविताओं में क्रांतिकारी लाए और सुंदर शब्दों से स्वतंत्रता की लड़ाई में योगदान दें जिसे छोटे-छोटे गांव के लोग प्रोत्साहित हों। 1916 में वह महात्मा गांधी से मिली जिसके बाद इनकी सोच पूरी तरह से बदल गई और इन्होंने अपनी कविता के माध्यम से पूरी ताकत देश को आजाद करने में लगा दी। इन्होंने पूरा देश भ्रमण किया और वहां पर लोगों को देश की आजादी के लिए प्रोत्साहित किया। देश की आजादी उनके जीवन में आत्मा बन चुकी थी। इन्होंने देश की महिलाओं को मुख्य रूप से प्रोत्साहित किया और उस दौरान में यह काम करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि औरतें पर्दा प्रथा के चलन में चल रही थी। प्रथाओं की जकड़ में जकड़ी हुई महिलाओं को देश के स्वतंत्रता के लिए सामने लाना सरोजिनी जी के लिए बहुत कठिन कार्य था। लेकिन वह पीछे नहीं हटी और औरतों को उनके अधिकार के बारे में बताया और उन्हें पर्दे के पीछे से निकालकर देश की आजादी में सामने आने के लिए प्रोत्साहित किया।
Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
सरोजनी नायडू के पुरस्कार और उपलब्धियां
सरोजिनी नायडू जिन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष और राज्य की गवर्नर बनने वाली पहली महिला थी सन 1928 में सरोजिनी नायडू को हिंद केसरी पदक से सम्मानित किया गया था। इनके अवार्ड की लिस्ट में द गोल्डन थ्रेसहोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम, द ब्रोकेन विंग्स, द स्पेक्ट्रड फ्लूट: सांग्स ऑफ इंडिया आदि शामिल है। सरोजिनी नायडू मोहम्मद अली जिन्ना की जीवनी को हिंदू मुस्लिम एकता के राजदूत का टाइटल भी दिया गया।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन करंट अफेयर को डाउनलोड करें
|
DOWNLOAD NOW Download Now डाउनलोड नाउ |
||
| Monthly Current Affairs April 2022 | डाउनलोड नाउ | ||
| Monthly Current Affairs March 2022 | डाउनलोड नाउ | ||
| Monthly Current Affairs February 2022 | डाउनलोड नाउ | ||
| Monthly Current Affairs January 2022 | डाउनलोड नाउ | ||
| Monthly Current Affairs December 2021 | डाउनलोड नाउ |