Popular Front of India: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया क्या है और इसे 5 साल के लिए क्यों बैन किया गया है

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Wed, 28 Sep 2022 12:14 PM IST

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Please fill the name
Please enter only 10 digit mobile number
Please select course
Please fill the email
Something went wrong!
Download App & Start Learning
Popular Front of India : केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफई पर आतंकी फंडिंग व अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद इसे 5 साल के लिए बैन कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से इसके प्रतिबंध पर एक नोटिफिकेशन जारी की गई है, हाल ही में एनआईए और तमाम राज्यों की एजेंसियों ने पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें ढाई सौ से अधिक सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। आइए जानते हैं कि पीएफआई क्या है और यह कैसे काम करता है एवं केंद्र सरकार ने इस पर बैन क्यों लगाया है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
May Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW
Indian States & Union Territories E book- Download Now


पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) क्या है? 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई एक ऐसा संगठन है जिसका गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। यह संगठन दक्षिण भारत के 3 मुस्लिम संगठनों को एक करके बनाया गया था। जिसमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई जैसे मुस्लिम संगठन शामिल हुए थे।

Source: Safalta

पीएफआई यह दावा करता है कि यह देश के कुल 23 राज्यों में सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर केंद्र सरकार के बैन लगाने के बाद पीएफआई का विस्तार और तेजी से हुआ था। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में पीएफआई की पकड़ काफी मजबूत हो गई है और इसकी कई अन्य ब्रांच भी कार्यरत है। पीएफआई के गठन के बाद समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप इस संगठन पर सालों से लगते आ रहे हैं।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को फंड कौन देता है? 


साल 2021 में फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी स्टूडेंट विंग केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया सीएफआई के 5 सदस्यों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में एक चार्जशीट दायर की थी। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता लगा था कि पीएफआई का राष्ट्रीय महासचिव के ए रऊफ गल्फ देशों में बिजनेस डील की आड़ में पीएफआई के लिए फंड एकत्रित करता था। ये पैसे  अलग-अलग माध्यम से पीएफआई से जुड़े लोगों तक पहुंचाए जाते थे। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार लगभग 1.36 करोड़ की रकम अपराधिक तरीके से हासिल की गई थी। जिसका एक हिस्सा भारत में पीएफआई और सीएफआई  की इल्लीगल गतिविधियों के संचालन में खर्च किया गया था। सीएए (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन, साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में इस पैसे का इस्तेमाल करने की बात सामने आई थी। साल 2013 के बाद  कैश डिपॉजिट करने की गतिविधियां भी काफी तेजी से बढ़ी थी, प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि भारत में पीएफआई तक हवाला के माध्यम से पैसे आता है।

पीएफआई संगठन पर क्या आरोप लगे हैं? 


पीएफआई एक कट्टरपंथी संगठन है। साल 2017 में एनआईए ने गृह मंत्रालय को इस संगठन पर बैन लगाने की मांग की थी। एनआईए ने जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात रिपोर्ट की थी। एनआईए के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। पीएफआई मुस्लिमों पर धार्मिक कट्टरता थोपने और जबरन धर्म परिवर्तन करने का काम करता है, एनआईए ने पीएफआई पर हथियार चलाने के लिए ट्रेनिंग कैंप चलाने का भी आरोप लगाया है। यह संगठन युवाओं को कट्टर बनाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए भी उकसाता है।
 

पुलिस को झटका -


2016 में, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तरी केरल के कन्नूर में कनकमाला में एक गुप्त बैठक पर छापा मारा, तो पुलिस को एक हिला देने वाले झटके का सामना करना पड़ा. दरअसल आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) से प्रेरित होकर, युवाओं के एक समूह ने कथित तौर पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और विभिन्न समुदायों के बीच अशांति फैलाने के लिए 'अल जरुल खलीफा' नामक एक समूह का गठन किया था. यह उसी की बैठक थी.

एनआईए ने इसे केरल में पहले आईएस मॉड्यूल के रूप में नामित किया था. केंद्रीय एजेंसी ने बाद में पाया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य थे. इसके कुछ महीने बाद, उत्तरी केरल के एक गांव से महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 22 लोग गायब हो गए. खुफिया अधिकारियों का मानना है कि वे अफगानिस्तान में आईएस में शामिल हो गए थे.

कब और क्यों बना था पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) -

आइए जानते हैं कि यह संगठन देश में कैसे आया और बहुत कम समय में इसकी अखिल भारतीय उपस्थिति के पीछे क्या कारण है ?

1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के तीन मुस्लिम संगठनों के विलय के बाद 2006 में फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को केरल में बनाया गया. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के तीनों पार्टियों समेत बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, दक्षिण भारत में कई फ्रिंज संगठन सामने आए थे और उनमें से कुछ को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया था.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की कहानी और इसके बढ़ने के पीछे का कारण -

धीरे-धीरे इस संगठन से दूसरे कट्टरवादी सोच रखने वाले संगठन भी जुड़ते चले गए. वर्तमान समय की बात करें तो फिलवक्त पीएफआई का असर 16 राज्यों में बरक़रार है और 15 से ज्यादा मुस्लिम संगठन इससे जुड़े हुए हैं. इस संगठन के सदस्यों की संख्या लाखों में है. पीएफआई की एक महिला विंग भी है. यूपी और असम में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल रहने से पहले भी यह पीएफआई संगठन कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल रह चुका है. पीएफआई का दावा है कि 22 राज्यों में उसकी इकाइयां हैं. इसकी वृद्धि अभूतपूर्व है. पीएफआई सफलतापूर्वक धन जुटाने का काम भी करता है. खासकर समृद्ध मध्य-पूर्वी देशों से. पीएफआई का पहले का मुख्यालय कोझीकोड में था, लेकिन इसके आधार के विस्तार के बाद इसे दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया है. पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नसरुद्दीन एलमारोम संगठन के संस्थापक नेताओं में से एक हैं, और इसके अखिल भारतीय अध्यक्ष ई अबुबकर भी केरल से ही ताल्लुक रखते हैं.

केरल में, इसके पूर्व के अधिकांश नेता प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य थे. पीएफआई अपनेआप को अल्पसंख्यक समुदायों, दलितों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध एक नव-सामाजिक आंदोलन के रूप में वर्णित करता है. केरल में, एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर पी कोया को संगठन का सबसे बड़ा नेता माना जाता है.
 
Quicker Tricky Reasoning E-Book- Download Now
Quicker Tricky Maths E-Book- Download Now
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  

वर्दी वाला उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन -

पीएफआई संगठन की अपनी एक वर्दी भी है और वह संगठन अक्सर अपने मेंबर्स को सार्वजनिक स्थानों पर ड्रिल का भी अभ्यास कराता है. 2013 में, केरल सरकार ने पीऍफ़आई की स्वतंत्रता परेड पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो वह हर साल स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित करती है. इसका कारण यह है कि पुलिस ने पाया कि पीऍफ़आई के कार्यकर्ता जो वर्दी पहनते हैं उस पर सितारे और प्रतीक चिन्ह अंकित होते हैं. हर साल 17 फरवरी को यह सभी जिला मुख्यालयों में एक एकता मार्च का आयोजन करता है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इसके कई जिलों में कैडर प्रशिक्षण केंद्र हैं और ये आमतौर पर कई मानवाधिकार संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं.
 

उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पर प्रतिबन्ध -


कुछ समय पहले इसे झारखंड में प्रतिबंधित किया गया था. ये कदम राज्य सरकार ने इस संगठन के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत के बाद उठाया था. इतना ही नहीं झारखंड सरकार ने माना था कि पीएफआई एक ऐसा संगठन है जो आतंकवादी संगठन आईएस से प्रभावित है. इसे केरल में भी प्रतिबन्धित करने के लिए काफी बवाल हो चुका है.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े FAQ


1.पीएफआई का फुल फॉर्म क्या है? 
उत्तर-पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। 

2.पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) क्या है? 
उत्तर-यह एक मुस्लिम संगठन है जो भारतीय दक्षिण राज्यों के 3 मुस्लिम संगठनों को एक करके बनाया गया था। 

3.पीएफआई में किन तीन दक्षिण भारतीय मुस्लिम संगठनों का विलय हुआ था?
उत्तर-
1. केरल से नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट
2. कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी 
3. तमिलनाडु से मनिथा नीति पसराई 
इन तीनों को एक करके पीएफआई का गठन किया गया था।

4.पीएफआई भारत के कितने राज्यों में फैला हुआ है? 
उत्तर-23 राज्यों में पीएफआई का संगठन सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

5.सीमी का फुल फॉर्म क्या है? 
उत्तर- स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट। 

6.पीएफआई को बैन क्यों किया गया है? 
एनआईए के रिपोर्ट के मुताबिक यह एक कट्टरपंथी संगठन है, जो देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल है और यह देश के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इसलिए इसे 5 साल के लिए बैन किया गया है।

 
Attempt Free Daily General Awareness Quiz - Click here
Attempt Free Daily Quantitative Aptitude Quiz - Click here
Attempt Free Daily Reasoning Quiz - Click here
Attempt Free Daily General English Quiz - Click here
Attempt Free Daily Current Affair Quiz - Click here



 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Trending Courses

Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-6)
Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-6)

Now at just ₹ 45999 ₹ 9999954% off

Master Certification in Digital Marketing  Programme (Batch-12)
Master Certification in Digital Marketing Programme (Batch-12)

Now at just ₹ 64999 ₹ 12500048% off

Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-23)
Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-23)

Now at just ₹ 20999 ₹ 3599942% off

Advance Graphic Designing Course (Batch-9) : 90 Hours of Learning
Advance Graphic Designing Course (Batch-9) : 90 Hours of Learning

Now at just ₹ 19999 ₹ 3599944% off

Flipkart Hot Selling Course in 2024
Flipkart Hot Selling Course in 2024

Now at just ₹ 10000 ₹ 3000067% off

Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)
Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)

Now at just ₹ 29999 ₹ 9999970% off

Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!
Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!

Now at just ₹ 1499 ₹ 999985% off

WhatsApp Business Marketing Course
WhatsApp Business Marketing Course

Now at just ₹ 599 ₹ 159963% off

Advance Excel Course
Advance Excel Course

Now at just ₹ 2499 ₹ 800069% off