कजाकिस्तान में क्यों सरकार ने दिया इस्तीफा, जाने हमारे साथ

Safalta Expert Published by: Blog Safalta Updated Sat, 08 Jan 2022 09:09 PM IST

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एलपीजी के दाम बढ़ाए जाने से कजाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है और सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। देश की आर्थिक राजधानी अल्माटी में आपातकाल लागू कर दिया गया है।

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आपको बता दे की कजाकिस्तान की स्थिति अभी बहुत गंभीर है। वहाँ ऐसे हालत है की सरकार को इस्तीफा देना पड़ गया।
हुआ यु की मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान में गैस की बढ़ती कीमतों से भड़की जनता के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। कजाकिस्तान  के राष्ट्रपति कासम झोमार्ट ने टोकायेव ने प्रधानमंत्री अस्कार मामिन के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इस बीच राष्ट्रपति की ओर से देश के सबसे बड़े शहर अल्माटी और पश्चिमी मानगिस्ताउ प्रांत में दो सप्ताह के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। इस आपातकाल के तहत रात के 11 बजे से सुबह के 7 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है और वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यही नहीं लोगों के बड़े पैमाने पर इकट्ठा होने पर भी बैन लगा दिया गया है। एक चौंकाने वाली बात यह हुई कि राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट तोकायेव ने बुधवार को उन मुद्दों का हल करने के लिए कदम उठाने की घोषणा की है जिनकी वजह से अशांति फैली है। दूसरी तरफ कार्यकारी सरकार ने इस्तीफा दे दिया है और राष्ट्रपति ने देश के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में आपातकाल का एलान कर दिया है।
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बढ़ती कीमतें और जरूरी चीजों की कमी
हाल में झानाओजेन से जो विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है उसकी नींव 10 साल पहले पड़ी थी। तब तेल कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। प्रदर्शन करने वालों पर अधिकारियों की कार्रवाई में दर्जनों लोगों की मौत हुई। शांतिपूर्ण मगर थोड़ी निरंकुश सरकार वाले देश की छवि को इससे चोट पहुंची। 

2011 में कर्मचारियों की हड़ताल के पीछे उनकी कम मजदूरी कारण थी हालांकि इस बार झानाओजेन के निवासी सड़कों पर ऑटोगैस की कीमतें बढ़ने के कारण सड़कों पर उतरे। 

कजाकिस्तान लंबे समय से कई दिक्कतों का सामना कर रहा है, खासतौर से ऊर्जा के क्षेत्र में उदाहरण के लिए पिछले साल ये देश पर्याप्त बिजली पैदा करने में नाकाम रहा जिसकी वजह से आपात स्थिति में बार बार बिजली काटनी पड़ गई। 

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इसके साथ ही देश में खाने पीने की चीजों की कीमतें भी पिछले साल पतझड़ के समय काफी बढ़ गईं। इसके बाद सरकार ने मवेशियों के साथ ही आलू और गाजर के निर्यात पर रोक लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास पर तोड़फोड़ की और अल्माटी के मेयर के आवास पर कब्जा करने की कोशिश करते हुए इमारत में आग लगा दी गई। तीन दशक पहले आजादी हासिल करने के बाद से कजाकिस्तान सबसे भीषण प्रदर्शनों का सामना कर रहा है। पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच इस हिंसक झड़प में करीब 300 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कजाकिस्तान की सरकार ने हताहत हुए आम नागरिकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है।