शब्दभेदी धनुष विद्या किसके पास थी

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Dileep Vishwakarma

2 years ago

शब्द भेदी धनुर्विद्या की एक कला है जिसमें ध्वनि के सहारे लक्ष्य भेदा जाता है। इस पद्धति से ल७्य को देखना या उसके सामने होना आवश्यक नहीं होता है। केवल लक्ष्य की ध्वनी सुनकर ही धनुर्धारी उसे भेद सकता है। संसार के प्राचीनतम महाकाव्य रामायण और महाभारत में इस धनुर्विद्या का उल्लेख मिलता है। महाराजा दशरथ को इसी विद्या के प्रयोग के कारण श्रवण कुमार के माता-पिता द्वारा श्राप दिया गया था। महाभारत में भील पुत्र एकलव्य ने शब्द भेदी धनुर्विद्या का उपयोग किया था , अन्य पुराणों में भी इसका उल्लेख विभिन्न कथा प्रसंगों में किया गया है। हिंदी महाकाव्य पृथ्वीराज रासो में भी पृथ्वीराज चौहान द्वारा मुहम्मद गौरी को शब्द भेदी द्वारा मारने का उल्लेख मिलता है।

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2 years ago

पृथ्वीराज चौहान

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2 years ago

पृथ्वीराज चौहान

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Lalit Yadav

2 years ago

पृथ्वीराज चौहान

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2 years ago

eaklovebhaye

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A_K Gameplay

2 years ago

राजा दशरथ

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Sapna Gupta

2 years ago

arjun

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Sapna Gupta

2 years ago

arjun

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Abhishek Mishra

2 years ago

केवल शब्द सुनकर धनुष चलाने की विद्या को शब्दभेदी धनुष विद्या कहते हैं यह विद्या महाराजा दशरथ और उनके पुत्र श्री राम , अर्जुन , पृथ्वीराज चौहान, एकलव्य के पास थी ।

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Satendra Singh

2 years ago

eklavya

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2 years ago

दशरथ

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