अंग्रेजों के समय भारत का विदेशी व्यापार कैसा था? कच्चे माल का आयातक एवं निर्मित माल का निर्यातक कच्चे माल का निर्यात एवं निर्मित माल का आयातक उपयुक्त दोनों उपयुक्त में से कोई नहीं
विदेशी व्यापार की दिशा यही प्रवृत्ति आजादी के बाद कुछ वर्षों में भी देखने को मिलती है क्योंकि तब तक भारत की अन्य देशों के साथ व्यापार संबंध स्थापित करने में कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाई थी। उदाहरणार्थ, 1950-51 में भारत की निर्यात आय में इंग्लैंड और अमेरिका का हिस्सा 42 प्रतिशत था