nabhadas अष्टयाम के रचनाकार नाभादास है नाभादास के जन्मस्थान, माता पिता, जाति आदि के संबंध में भी प्रमाणों के अभाव में अधिकारपूर्वक कुछ नहीं कहा जा सकता। 'भक्तनामावली' के संपादक श्री राधाकृष्णदास ने किंवदंती के आधार पर लिखा है कि नाभादास जन्मांध थे और बाल्यावस्था में ही इनके पिता की मृत्यु हो गई। उस समय देश में अकाल की स्थिति थी, अत: माता इनका पालनपोषण न कर सकीं और इन्हें वन में छोड़कर चली गईं। संयोगवश श्री कील्ह और अग्रदास जी उसी वन में होकर जा रहे थे, उन्होंने बालक को देखा और उठा ले आए। बाद में उन्हीं महात्माओं के प्रभाव से नाभादास ने आँखों की ज्योति प्राप्त की और अग्रदास जी ने इन्हें दीक्षित किया।