chayavadi Yug ke Pramukh lekhak

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Abhishek Mishra

2 years ago

छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह काव्य-धारा है जो लगभग ई. स. 1918 से 1936 तक की प्रमुख युगवाणी रही। जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा इस काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं।

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